हाइलाइट्स
लॉकडाउन से हिला रीटेल सेक्टर
नुकसान 5.50 लाख करोड़ रुपया
CAIT ने सरकार से मांगा स्पेशल पैकेज
राज एक्सप्रेस। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कोविड-19 जनित विपदा की घड़ी में सरकार से ट्रेडर्स के लिए संतोषजनक पैकेज मांगा है। संगठन ने सरकार से व्यापार और व्यापारियों के हित में तत्काल ठोस कदम उठाने कहा है।
अस्तित्व को चुनौती :
कोविड-19 से उपजे चुनौतीपूर्ण हालात में CAIT ने सरकार से व्यापार और व्यापारियों के अस्तित्व का हवाला देकर पर्याप्त पैकेज सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।गौरतलब है COVID-19 के कारण खुदरा व्यापार को बड़ा धक्का पहुंचा है। इससे पूरा देश प्रभावित नजर आ रहा है। CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस बारे में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया।
नुकसान अब तक :
भारतीय खुदरा व्यापार क्षेत्र से जुड़े लगभग 7 करोड़ ट्रेडर्स को मार्च से लागू लॉकडाउन की वजह से अब तक तकरीबन 5.5 लाख करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है। रीटेल सेक्टर के व्यापारियों की संस्था CAIT के मुताबिक कोरोना वायरस डिजीज संक्रमण प्रसार को रोकने देश भर में एहतियातन लागू लॉकडाउन के कारण ट्रेडिंग चेन गड़बड़ा गई है।
“भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रही थी और पूरे सेक्टर्स की मांग में भारी गिरावट आई थी, लेकिन इस महामारी ने नॉकआउट पंच जड़कर पुनरुद्धार की सभी आशाओं को धो डाला।”प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव, CAIT
कारोबार समेटने की आशंका :
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने अपने बयान में संगठन सदस्यों की पीड़ा बयां की है। CAIT के मुताबिक अगले कुछ महीनों में कम से कम 20 प्रतिशत भारतीय खुदरा विक्रेताओं के कारोबार समेटने की आशंका है।
कोरोना से उपजे चुनौतीपूर्ण समय में CAIT ने सरकार से व्यापारियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पैकेज देने का आग्रह किया है। CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि “COVID-19 की खुदरा व्यापार पर तगड़ी मार पड़ी है। जिसका पूरे देश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।”
"भारतीय खुदरा व्यापारी लगभग 15,000 करोड़ रुपये का दैनिक कारोबार करते हैं और जब से देश में तालाबंदी हुई है, तब से इस सेक्टर को 5.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है। इससे भारत के तकरीबन 7 करोड़ ट्रेडर्स प्रभावित होंगे।"CAIT
नौबत ताला जड़ने की :
संगठन की जानकारी के मान से नुकसान के कारण लगभग 1.5 करोड़ ट्रेडर्स के सिर दुकान के शटर पर हमेशा के लिए ताला जड़ने की तक नौबत आ सकती है। इन दुकानों के बंद होने की स्थिति में इन ट्रेडर्स पर निर्भर अनुमानित 75 लाख ट्रेडर्स का हित भी प्रभावित होगा।
“एक ओर वे वेतन, किराया, अन्य मासिक खर्चों का भुगतान कर रहे हैं, दूसरी ओर उनको सामाजिक दूरी अख्तियार करने से जुड़े सख्त नियमों के कारण उपभोक्ताओं की आय में तेज गिरावट से भी निपटना है। ऐसी परिस्थितियों में व्यवसाय के सामान्य संचालन में 6 से 9 महीनों का लंबा समय लग सकता है।”प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव, CAIT
संगठन के मुताबिक भारत में कम से कम 2.5 करोड़ व्यापारी सूक्ष्म और छोटी प्रकृति के हैं। इस वर्ग से जुड़े व्यापारियों के पास दीर्घकालिक तालाबंदी का सामना करने की आर्थिक हैसियत नहीं है।
"सरकारी हस्तक्षेप का आग्रह है, अन्यथा इस क्षेत्र को अभूतपूर्व नुकसान होगा। अगर इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आर्थिक महामारी कोरोना महामारी से भी बड़ी हो जाएगी।''बीसी भरतीया, राष्ट्रीय अध्यक्ष, CAIT
COVID-19 के कारण लागू लॉकडाउन ने खुदरा व्यवसाय की कमर तोड़ कर रख दी है। सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से लॉकडाउन की मियाद बढ़ने के साथ-साथ ग्राहक और दुकानदार के बीच खाई दिन-ब-दिन चौड़ी होती जा रही है। ऐसे में नफा-नुकसान तो जाहिर ही है।
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