पिछले सप्ताह ही, जिंदल समूह ने की थी सबसे अधिक पेशकश
इससे पहले अडाणी समूह था इस अधिग्रहण का सबसे बड़ा दावेदार
लैंको अमरकंटक के अधिग्रहण की दौड़ में रिलायंस समूह भी शामिल
राज एक्सप्रेस । अचानक यू-टर्न लेते हुए नवीन जिंदल प्रवर्तित जिंदल पावर लैंको अमरकंटक पावर के अधिग्रहण की दौड़ से पीछे हट गई है। पिछले हफ्ते ही, कंपनी ने कॉरपोरेट दिवालिया कार्यवाही से गुजर रही संकटग्रस्त थर्मल पावर कंपनी के लिए अडाणी पावर से अधिक पेशकश करके खरीदारों में शीर्ष स्थान हासिल किया था। अब इस नई स्थिति में केवल तीन बोलीदाता-अडाणी पावर, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम ही कंपनी की प्रस्तावित नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाले हैं।
यह है अब तक की कहानीः 12 जनवरी को जिंदल ने लैंको अमरकंटक पावर की नीलामी में हिस्सा लेने का निर्णय लिया 16 जनवरी को जिंदल पावर ने 100 करोड़ बैंक गारंटी के साथ 4203 करोड़ कैश आफर किया 16 जनवरी को किया गया प्रस्ताव अडाणी पावर के 4100 करोड़ के प्रस्ताव से थोड़ा अधिक था अडाणी ने भी नवंबर में की 3650 करोड़ की अपनी पेशकश में सुधार कर 4100 करोड़ किया।
सूत्रों के अनुसार जिंदल पावर ने मंगलवार को अमरावती नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में अपनी याचिका वापस लेने के लिए आवेदन किया है। जनवरी के मध्य में, उसने बिजली कंपनी की बिक्री प्रक्रिया में भाग लेने के लिए ट्रिब्यूनल की मंजूरी मांगी थी। जवाब में, ऋणदाताओं ने लिखित प्रतिबद्धता मांगी कि जिंदल पावर बिना शर्त, अग्रिम नकद प्रस्ताव देने की शर्त रखी। इसके साथ ही, ऋणदाताओं ने उनसे रिक्वेस्ट फॉर रेजोल्यूशन प्लांट (आरएफआरपी) की सभी शर्तों का पालन करने को भी कहा। जिंदल पावर ने कोई लिखित प्रतिबद्धता नहीं जताई है। इस मामले से वाकिफ व्यक्तियों में से एक ने कहा उन्होंने ट्रिब्यूनल को सूचित किया है कि वे इसे निर्णायक प्राधिकारी से अनुमोदन के बाद ही देंगे।
उन्होंने कहा कि संभवतः वे बिना शर्त और अग्रिम प्रस्ताव देने को लेकर सहज नहीं थे, इस वजह से वे इस दौड़ से बाहर हो गए। जिंदल पावर ने इस मुद्दे पर राज एक्सप्रेस के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 12 जनवरी को जिंदल पावर ने लैंको अमरकंटक की प्रस्तावित नीलामी में भाग लेने की मंजूरी के लिए ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की और 16 जनवरी को उसने 100 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी के साथ क्रमशः 13 जनवरी और 17 जनवरी को 4,203 करोड़ रुपए का नकद प्रस्ताव किया। जिंदल पावर का 4,203 करोड़ का ऑफर एक महीने पहले अडाणी पावर द्वारा पेश किए गए 4,100 करोड़ रुपए से थोड़ा अधिक है। इस प्रोजेक्ट में अडाणी समूह ने भी दिलचस्पी दिखाई थी।
कंपनी का अधिग्रहण करने की कोशिश में, अडाणी पावर ने पहले नवंबर में 3,650 करोड़ रुपए का आफर किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 4,100 करोड़ कर दिया था। हालाँकि, अडाणी की अनचाही पेशकश 95 फीसदी ऋणदाताओं द्वारा पीएफसी के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम द्वारा दी गई 3,020 करोड़ की समाधान योजना के लिए मतदान करने के लगभग 11 माह बाद की गई थी। जब अडाणी समूह ने प्रस्ताव दिया, तब तक सीसीआई ने पीएफसी के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के अधिग्रहण का समर्थन कर दिया था और ऋणदाता एनसीएलटी की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे। इसलिए, ऋणदाताओं ने एनसीएलटी से निर्देश मांगा कि उन्हें अडाणी की योजना पर विचार करने की अनुमति दी जाए, जो मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद बनाई गई थी।
इस माह, ट्रिब्यूनल ने अडाणी समूह के 4100 करोड़ रुपए के आवेदन के संदर्भ में ऋणदाताओं को थर्मल पावर कंपनी की बिक्री के लिए एक बार फिर से नीलामी प्रक्रिया आयोजित करने की अनुमति दी थी। ऊपर उद्धृत लोगों ने कहा पीएफसी के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के साथ, रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी नीलामी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। लैंको अमरकंटक के पूरी तरह से चालू पहले चरण में 300 मेगावाट की दो इकाइयाँ हैं। कंपनी के निर्माणाधीन दूसरे चरण में 600 मेगावाट की दो इकाइयां शामिल हैं। पहले चरण के परिचालन के कारण ही कंपनी में 1,800 करोड़ रुपये की नकदी है। केपीएमजी समर्थित आरपी सौरभ कुमार ने 17 ऋणदाताओं के 14,632 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकार किया है।
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