स्थिति नियंत्रित रखने के लिए कभी भी की जा सकती है ब्याज दरों में बढ़ोतरी
पावेल के इस बयान का असर भारत समेत पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर दिखा
राज एक्सप्रेस। अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा है कि फिलहाल यह दावा करना सही नहीं है कि महंगाई पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि महंगाई अब तक लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए कुछ तात्कालिक उपाय करने से इनकार नहीं किया जा सकता। ब्याज दरों में बढ़ोतरी ऐसा ही उपाय है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक जरूरत पड़ने पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का निर्णय ले सकता है।
पावेल के इस बयान के बाद शेयर बाजार में आज अचानक सुस्ती का आलम दिखाई दिया। उनके इस बयान का असर भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है। बॉन्ड यील्ड में भी एक बार फिर से बढ़त देखने को मिल रही है। यूएस 10 ईयर बॉन्ड यील्ड तीन महीने के निचले स्तर 4.5 फीसदी से 13 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 4.636 फीसदी पर पहुंच गई है।
एसएंडपी 500 इंडेक्स में 0.81 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि, नैस्डैक लगभग एक फीसदी टूट गया है। 2.50 बजे दोपहर के आसपास सेंसेक्स 89.68 अंक या 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 64,742.52 पर और निफ्टी 20.50 अंक या 0.11 फीसदी टूटकर 19,374.80 पर आ गया था। हालांकि आज के कारोबार में अंतिम एक घंटे में तेजी देखने को मिली और इस तेजी की बदौलत आज सप्ताह के अंतिम ट्रेडिंग दिवस में बाजार ग्रीन जोन में बंद हुआ।
शेयर बाजार के चिंता यह है कि ब्याज की दरें लंबे समय तक ऊंची रह सकती हैं, जो शेयर बाजारों में कुछ समय के लिए कमजोर स्थिति का नेतृत्व करेगी। हालांकि, कुछ बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि इस दौरान किसी बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है। भारतीय शेयर बाजार में 'गिरावट पर खरीदारी' की रणनीति काम करना जारी रखेगी। इससे शेयर बाजार में ज्यादा बड़़ी गिरावट होने की संभावना नहीं है।
शेयर बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों या एफआईआई के बिकवाली के दबाव को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह एक अस्थायी दौर है। इसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। फाइनेंशियल शेयर अगले दिनों में जोरदार प्रदर्शन करते दिख सकते हैं। जो निवेशक कम से कम 2 साल के नजरिए से निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए बैंकों से अच्छे रिटर्न की संभावना है। विजयकुमार मिड और स्मॉल-कैप की रैली में रिटेल निवेशकों का भी अच्छा योगदान रहता है। इस समय, ब्रॉडर मार्केट का वैल्यूएशन महंगा दिख रहा है, इसलिए निवेशकों को सावधानी के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: राज एक्सप्रेस.कॉम पर पब्लिश विचार विभिन्न विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित होते हैं। इसके लिए वेबसाइट किसी भी तरह जिम्मेदार नहीं है। राज एक्सप्रेस.काम का सुझाव है कि निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले स्टाक का गहराई से विश्लेषण करें और अपने निवेश सलाहकार से चर्चा के बाद ही निवेश करें।
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