राज एक्सप्रेस। भारत में चीनी का उत्पात काफी बड़े स्तर पर होता है। ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत ही है। हालांकि, पिछले कुछ समय से चीनी के उत्पादन गिरावट का अंदाजा लगाया जा रहा है। इस गिरावट का अंदाजा भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) के अनुमान से लगाया जा रहा है। वहीँ, अब जब ISMA ने चीनी उत्पादन का अनुमान जारी किया तो उसे 3.5% घाटा दिया है।
ISMA ने जताया था अनुमान :
भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने चीनी उत्पादन का अनुमान जताया है। ISMA के अनुसार लगाया गया देश का चीनी उत्पादन का अनुमान को सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष 2022-23 में 3.5% घाटा दिया है। इस हिसाब से अब यह घटकर 328 लाख टन रह सकता है। जबकि, ISMA ने पहले यह अनुमान 340 लाख टन उत्पादन रहने का जताया था। ISMAने अपने संशोधित अनुमान को जारी करते हुए कहा,
'चालू विपणन वर्ष में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 121 लाख टन के पहले के अनुमान से घटकर 105 लाख टन तक रह सकता है। इस कमी की वजह से कुल उत्पादन अनुमान में संशोधन किया गया है। प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र समाप्त हो गया है। एथनॉल उत्पादन के लिए करीब 40 लाख टन गन्ना शीरे के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए भी अनुमान घटाया गया है।'भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA)
ट्रेडर्स और मिल मालिकों की अपील :
बताते चलें, चीनी की बढ़ती कीमत के बीच पिछले दिनों ही ट्रेडर्स और मिल मालिकों ने भारत सरकार से अपील की थी कि, 'अरहर दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ा दिया जाए, जिससे किसान इसका ज्यादा-से-ज्यादा उत्पादन कर सकें। इस साल अरहर दाल के उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई है।' गौरतलब है कि, भारत में गन्ने का उत्पादन सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में होता है, लेकिन कुछ महीनों से गन्ने के उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज होती नजर आरही है। जिसके चलते चीनी की कीमत में अपने आप बढ़ गई है और यह कीमतें बढ़कर पिछले दो हफ्ते में 6% तक बढ़ीं हैं।
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