राज एक्सप्रेस। कुछ कंपनियां अच्छा डिविडेंड देती हैं, तो कुछ कंपनियां डिवीडेंड नहीं देतीं। डिवीडेंड देना या नहीं देना पूरी तरह से कंपनी की इच्छा पर निर्भर करता है। डिवीडेंड देने वाले अच्छे शेयरों की अक्सर चर्चा होती रहती है। कुछ कंपनियां अपने मुनाफे का एक हिस्सा अपने निवेशकों को डिविडेंड या लाभांश के रूप में देती हैं। इसका मतलब यह है कि डिवीडेंड वही कंपनियां देती हैं, जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है, जो मुनाफा कमा रही होती हैं। हालांकि, आप जब भी डिविडेंड स्टॉक में निवेश करने की योजना बनाएं तो डिविडेंड यील्ड को जरूर देख लेना चाहिए। यह एक इंडीकेटर होता है, जिससे पता चलता है कि निवेशक अपने द्वारा निवेश किए गए पैसों पर कितना रिटर्न हासिल कर रहे हैं। हमने यहां कुछ कंपनियों का ब्यौरा देने का प्रयास किया है, जिनके फंडामेंट मजबूत हैं और डिविडेंड यील्ड भी हाई है। हमें यह समझने की जरूरत है कि डिविडेंड देने वाले शेयरों पर हमें किस तरह से स्टॉक मूवमेंट के अलावा मुनाफा होता है।
डिविडेंड शेयरों पर किस तरह मुनाफा होता है इसे समझने के लिए मान लिया कि आपके पास किसी कंपनी के 10,000 शेयर हैं। जिनमें आपने 20 लाख रुपये यानी प्रति शेयर 200 रु का निवेश किया है। इन शेयरों का सालाना रिटर्न 25 फीसदी है और कंपनी ने निवेशकों को 7 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड या लाभांश देने का फैसल किया है। इसे हम इस तरह से कैलकुलेट करेंगे। कुल शेयर दस हजार। आपका निवेश 20,00000 रुपए या प्रति शेयर 200 रुपए। कंपनी ने एक साल में 25 फीसदी यानी 500000 रुपए रिटर्न दिया है। जबकि डिवीडेंट सात रुपए प्रति शेयर दिया तो दस हजार शेयरों पर आपको 70000 रुपए मिलेंगे। इस तरह आपको एक साल में शेयर प्राइज में 25 फीसदी बढ़ोतरी के साथ-साथ डिवीडेंड के 70 हजार रुरुपए भी मिलेंगे। इस तरह शेयर से एक साल में आपको 5,70,000 रुपए का लाभ होगा।
जब निवेश का निर्णय लेना हो तो सबसे पहले देखना चाहिए कि कौन सी कंपनियां सबसे अधिक डिविडेंड दे रही हैं। डिवीडेंड देने का इतिहास कुछ ही कंपनियों का अच्छा है। इस लिए निवेश के मामले में सोचसमझकर निर्णय लेने की जरूरत है। आयल एंड गैस सेगमेंट में काम करने वाली इंडियन आयल कारपोरेशन, मेटल सेक्टर की सेल या स्टील अथारिटी आफ इंडिया, फाइनेंस सेगमेंट की आरईसी, एनडीएमसी, पावर सेक्टर की पीटीसी इंडिया, मेटल क्षेत्र में काम कर रही नाल्को, माइनिंग में कोल इंडिया, फाइनेंस पीएफसी, आयल एंड नेचुरल गैस में ओएनजीसी, पावर सेक्टर में काम कर रही पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया शेयर बाजार में हाल के दिनों में सबसे अच्छी डिविडेंड देने वाली कंपनियों के रूप में सामने आई हैं। इनमें योजनाबद्ध तरीके से निवेश करके अच्छा फायदा हासिल किया जा सकता है।
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि जब बाजार में अनिश्चितता हो, तो बेहतर फंडामेंटल वाली डिविडेंड देने वाली कंपनियों का चुनाव सही विकल्प हो सकता है। इस समय की बात करें तो इस समय महंगाई, मूल्य वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और इनकी वजह से संभावित मंदी के डर से दुनियाभर के बाजारों पर भारी दबाव है। फिलहाल जो स्थितियां हैं, उसमें यह दबाव आगे भी जारी रहने वाला है। ऐसे में अच्छा लाभांश देने वाली फंडामेंटली मजबूत कंपनियों में निवेश एक अच्छी और सुरक्षित रणनीति हो सकती है। इन कंपनियों में निवेश के माध्यम से निवेशक अपनी पूंजी सुरक्षित कर सकते हैं। उनका पोर्टफोलियो सेफ रहेगा और मजबूत रिटर्न भी हासिल करेगा। ऐसी कंपनियों में निवेश न सिर्फ महंगाई को मात देने की सामर्थ्य देगा, बल्कि हाई डिविडेंड यील्ड के चलते यह बुरे दौर में रिस्क को कम करने में भी मदद करेगा।
असल में कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा डिविडेंड के रूप में देती रहती हैं। ऐसी कंपनियों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स भी कहते हैं। डिविडेंड देना किसी कंपनी के लिए जरूरी नहीं है। यह पूरी तरह कंपनी का ही फैसला होता है कि वह अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देगा या नहीं। निवेश के लिए डिविडेंड देने वाली उन कंपनियों का चुनाव किया जा सकता है, जिसमें कोई निगेटिव इश्यू न हो, आउटलुक आगे अच्छा दिख रहा हो। इनमें लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना ठीक रहता है। अच्छे डिविडेंड वाली कंपनियों की पहचान उनकी बैलेंसशीट से की जा सकती है। निवेश के लिए उन कंपनियों का चुनाव किया जा सकता है, जिनमें मुनाफा आ रहा हो। अच्छी कंपनियों का रिटर्न कई बार धीमा हो सकता है, लेकिन चूंकि वे अच्छा डिविडेंड देती हैं तो लंबी अवधि में रिटर्न कवर हो सकता है।
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