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इंफोसिस को मिलेगा 6329 करोड़ का टैक्स रिफंड, 2763 करोड़ की टैक्स देनदारी भी निकली

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड को आयकर विभाग ने 2007-08 से लेकर 2015-16, 2017-18 और 2018-19 के लिए असेसमेंट ऑर्डर भेजा है।

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • आयकर विभाग ने इन्फोसिस ही नहीं, उसकी सहायक कंपनियों को भी असेंसमेंट ऑर्डर भेजे हैं

  • साल 2022-23 के दौरान इन्फोसिस ने 9,214 करोड़ कंसोलिडेटेड इनकम टैक्स एक्सपेंस दर्ज किया

  • टैक्स देनदारी से जुड़े आदेशों के खिलाफ अपील करने की संभावना का मूल्यांकन कर रही इन्फोसिस

राज एक्सप्रेस। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड को आयकर विभाग ने 2007-08 से लेकर 2015-16, 2017-18 और 2018-19 के लिए असेसमेंट ऑर्डर भेजे हैं। इस असेसमेंट आर्डर के अनुसार इन्फोसिस को 6329 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड मिलेगा। हालांकि, इसमें इन्फोसिस पर 2,763 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी भी बताई गई है। आयकर विभाग ने इन्फोसिस ही नहीं, उसकी सहायक कंपनियों को भी असेंसमेंट ऑर्डर भेजे हैं।

इंफोसिस ने शेयर बाजारों को बताया है कि वह 31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाही और वित्त वर्ष के वित्तीय विवरणों पर आयकर विभाग के इन आदेशों के प्रभावों का मूल्यांकन कर रही है। इसके साथ ही इन्फोसिस, टैक्स देनदारी से जुड़े आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की संभावना का भी मूल्यांकन कर रही है।

आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम -1961 की विभिन्न धाराओं के तहत इन्फोसिस के लिए ऑर्डर जारी किए हैं। इन्फोसिस को ब्याज सहित मिलने वाला रिफंड 2007-08 से लेकर 2018-19 तक के असेसमेंट ईयर से संबंधित है। जबकि, टैक्स देनदारी ब्याज सहित असेसमेंट ईयर 2022-23 से संबंधित है। इन्फोसिस से असेसमेंट ईयर 2011-12 के लिए ब्याज सहित 4 करोड़ रुपये कर भुगतान की मांग की गई है।

साल 2022-23 के दौरान इन्फोसिस ने 9,214 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड इनकम टैक्स एक्सपेंस या समेकित आयकर ब्यय दर्ज किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 7,964 करोड़ रुपये था। कंपनी के अनुसार, आयकर व्यय में वर्तमान और डेफर्ड इनकम टैक्स शामिल हैं। 2023 की दिसंबर तिमाही में इन्फोसिस ने 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का इनकम टैक्स खर्च दर्ज किया है।

आयकर विभाग ने इंफोसिस के लिए ही असेंसमेंट ऑर्डर नहीं जारी किए हैं। उसने इंफोसिस की सहायक कंपनियों को भी असेंसमेंट ऑर्डर भेजे हैं। जिनमें 2018-19 और 2021-23 असेसमेंट ईयर के लिए ब्याज सहित कुल 277 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा गया है। इंफोसिस की एक यूनिट को असेसमेंट ईयर 2007-09 और 2016-17 के लिए इनकम टैक्स एक्ट-1961 की विभिन्न धाराओं के तहत 14 करोड़ रुपये के रिफंड ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।

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