राज एक्सप्रेस। हर एप्लीकेशन की लांचिंग के समय कुछ नियम व शर्ते रखी जाती हैं। जिन्हें उस कंपनी और यूजर्स को मानना ही पड़ता है। इन नियमों और शर्तों को तय करने में देश की सरकार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी अहम रोल होता है। यदि किसी वजह से कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती हैं तो, सरकार या मंत्रालय कंपनी के प्लेटफॉर्म को बिना किसी अनुमति के सस्पेंड या ब्लॉक कर सकती है। ऐसा ही कुछ दुनियाभर में बहुचर्चित वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) के साथ हुआ है। भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 22 YouTube चैनलों ( YouTube Channels) को ब्लॉक कर दिया है।
YouTube चैनल ब्लॉक :
जी हां, जिस तरह कंपनी द्वारा अपने यूजर्स के अकॉउंट नियमों का उल्लंघन होने पर बैन कर सकती है भले वो कोई बड़ा नेता, सेलिब्रिटी हो या आम आदमी। ऐसे ही सरकार या मंत्रालय भी किसी भी कंपनी के साथ कर सकता है। हालांकि, कई केस में कुछ समय बाद ये अकाउंट वापस रिस्टोर कर दिए जाते हैं, लेकिन कभी कभी किसी बड़े कारण के चलते हमेशा के लिए भी ब्लॉक कर दिए जाते हैं। वहीं, अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 22 YouTube चैनलों को ब्लॉक कर दिया है। इसमें से 18 भारतीय YouTube समाचार चैनल थे और 4 4 पाकिस्तान से जुड़े थे। मंत्रालय ने यह फैसला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के कारण लिया है।
क्यों लगा बैन :
बताते चलें, ऐसा पहली बार हुआ है कि, आईटी नियम, 2021 के तहत 18 भारतीय YouTube समाचार चैनल ब्लॉक किए गए हों। हालांकि, इस बार ब्लॉक किये गए 22 YouTube चैनलों में 4 पाकिस्तान द्वारा संचालित किए जाने वाले समाचार चैनल भी शामिल हैं। मंत्रालय का आरोप है कि, इन YouTube चैनलों द्वारा दर्शकों को गुमराह करने के लिए टीवी समाचार चैनलों के लोगों और झूठे थंबनेल का इस्तेमाल किया है। इन्हीं के साथ ही तीन Twitter अकाउंट, एक Facebook अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट को भी ब्लॉक कर दिया गया है।
मंत्रालय का बयान :
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि, 'नए आईटी नियम 2021 (IT Rules, 2021) के तहत 18 भारतीय YouTube न्यूज चैनलों को ब्लॉक किया गया है। जबकि पाकिस्तान के चार YouTube न्यूज चैनलों को भी बंद किया गया है। इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशों से रिश्ते और सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में दुष्प्रचार फैलाने का आरोप है, जिसके तहत ये कार्रवाई की गई है।' इस मामले में सरकार ने अपने एक बयान में कहा कि, "भारतीय सेनाओं, जम्मू-कश्मीर और कई अन्य मसलों के बारे में फेक न्यूज फैलाई जा रही थी। इसको संज्ञान में लिया गया है। भारत विरोधी ऐसी सामग्री को यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर फैलाने के खिलाफ कार्रवाई पहले की तरह आगे भी जारी रहेगी.इसमें पाकिस्तान से सुनियोजित तरीके से किया जा रहा दुष्प्रचार शामिल है।"
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