राज एक्सप्रेस। सोमवार से शुरू होने वाले अगले सप्ताह बाजार की दिशा तय करने में अमेरिकी बैंकिंग क्राइसिस, अमेरिकी सरकार की कर्ज से जुड़ी चिंताओं, बढ़ती बेरोजगारी के आंकडों और कच्चे तेल की कीमतों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। 5 मई को खत्म हुआ ट्रेडिंग वीक भारतीय शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल का गवाह रहा है। इस हफ्ते में केवल चार दिन तक ही काम हुआ था। इस हफ्ते बाजार पर बेहतर मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, अच्छी जीएसटी वसूली, मिलेजुले नतीजों, एफआईआई की खरीदारी और डीआईआई की बिकवाली का असर भी देखने को मिला। इस हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 58.15 अंकों की गिरावट के साथ 61054.29 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 4 अंकों की गिरावट के साथ 18069 पर बंद हुआ।
बीते हफ्ते बीएसई लार्ज-कैप इंडेक्स फ्लैट बंद हुआ है, जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.4 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.3 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स 2 फीसदी, ऑटो इंडेक्स 1 फीसदी और निफ्टी एनर्जी लगभग 1 फीसदी बढ़कर बंद हुआ, जबकि निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.3 फीसदी गिर कर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 5 मई को खत्म हुए कारोबारी हप्ताह में अपनी खरीदारी बढ़ा दी है। इस अवधि में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में 5527.76 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) नेट सेलर रहे। उन्होंने बीते हफ्ते 2735.25 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची।
बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स में 1.3 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। रेल विकास निगम, वाडीलाल इंडस्ट्रीज, डेटामैटिक्स ग्लोबल सर्विसेज, ऑरियोनप्रो सॉल्यूशंस, टेक सॉल्यूशंस, ब्राइटकॉम ग्रुप और टीएएएल एंटरप्राइजेज जैसे स्मॉलकैप शेयरों में 20-31 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। वहीं, राधे डेवलपर्स (इंडिया), मणप्पुरम फाइनेंस, गैलेंट इस्पात, द बॉम्बे डाइंग कंपनी, एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया, रशिल डेकोर, जीआरएम ओवरसीज, डिशमैन कार्बोजेन एम्सिस और जिंदल ड्रिलिंग इंडस्ट्रीज 10-19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
कल्पतरू मल्टीप्लायर्स के आदित्य मनिया जैन ने कहा पिछले कुछ दिनों के तेज उछाल के बाद निफ्टी अब 18000-18200 जोन के आसपास स्थित हो रहा है। हालांकि, बाजार का ओवरऑल ट्रेंड तेजी का ही बना हुआ है। उम्मीद है कि अगले दिनों में निफ्टी सुस्त ग्लोबल संकेतों और हैवीवेट शेयरों में मुनाफा वसूली की वजह से कंसोलीडेशन की स्थिति में ही बना रह सकता है। अगले हफ्ते बाजार की दिशा तय करने में महंगाई के आंकड़ों, राज्य चुनाव के नतीजों और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों का भी अहम भूमिका रहने वाली है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के मितुल शाह का कहना है कि अगले हफ्ते बाजार की नजर तिमाही नतीजों और मैनेजमेंट के फैसलों पर तो रहेगी ही, बाजार की दिशा तय करने में अमेरिकी रीजनल बैंकिंग क्राइसिस, अमेरिकी सरकार की कर्ज से जुड़ी चिंताओं, बेरोजगारी के आंकडों और कच्चे तेल की कीमतों का भी अहम योगदान रहने वाला है। इस बीच यूएस फेड ने उम्मीद के मुताबिक ही अपनी निति दरों में 0.25 फीसदी की ही बढ़त की है। इंडियन बॉन्ड यील्ड अपने हाई से 50 बीपीएस तक गिरकर 7.02 फीसदी पर आ गया है। इससे सरकार और कॉरपोरेट्स के लिए उधार लेने की लागत घटी है। इसी तरह ब्रेंट क्रूड की कीमतों में तेज गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक पॉजिटिव खबर है। इन सब खबरों का असर बाजार पर दिखेगा।
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