बीसीसीआइ इंडो पैसिफिक इकनामिक कान्क्लेव में नागेस्वरन ने कहा वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से गुजर रही
यह भारत के वैश्विक सप्लाई चेन में शामिल होने के लिहाज से सबसे बेहतर समय
हमें खुद को चीन प्लस वन रणनीति के लिए आकर्षक स्थान के रूप में विकसित करना होगा। ऐसा करने के लिए सभी स्थिति अनुकूल
राज एक्सप्रेस। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अनंत नागेस्वरन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2023 से 2030 तक औसतन 6.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से विकास करेगी। बीसीसीआई इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। भारत को अब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल होना चाहिए और चीन प्लस वन रणनीति के तहत एक आकर्षक देश बनने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 2021-22 में हमारी आर्थिक विकास दर 9.1 प्रतिशत, 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही है। इस वर्ष और दशक के शेष सालों के लिए औसतन 6.5 प्रतिशत विकास दर रहने की संभावना है। उन्होंने कहा मैं 6.5 प्रतिशत के रूप में न्यूनतम विकास दर की बात कर रहा हूं। मैं 7.5 या आठ प्रतिशत की बात नहीं कर रहा। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इस दौरान वैश्विक वृद्धि में उस तरह की तेजी देखने को मिलने की संभावना कम है, जैसा कि 2003 से 2008 के बीच में देखने में आर्ई थी। उन्होंने कहा भारत ने पिछले आठ सालों में अभूतपूर्व प्रगति की है। 2014 में हमारी अर्थव्यवस्था 10वें नंबर थी जो अब पांचवें नंबर है। इस दशक के अंत तक हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
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