रेलवे ने तेजी से पकड़ी कमाई की रफ़्तार  Syed Dabeer Hussain - RE
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रेलवे ने तेजी से पकड़ी कमाई की रफ़्तार

रेलवे ने अब अपनी पुरानी तफ्तार पकड़ ली है। वहीं, अब हाल यह है कि, रेलवे की रफ़्तार इतनी तेजी से बढ़ी है कि, उसकी कमाई में जमकर बढ़त दर्ज हुई है।

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के दौरान ट्रेनों की रफ्तार काफी समय तक बंद पड़ी रही। जिसके कारण भारतीय रेलवे को काफी घाटा उठाना पड़ा था। इस नुकसान को कम करने के लिए रेलवे तरह-तरह की स्कीम लेकर आई और जल्द ही रेलवे ने अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ ली है। वहीं, अब हाल यह है कि, रेलवे की रफ़्तार इतनी तेजी से बढ़ी है कि, उसकी कमाई में जमकर बढ़त दर्ज हुई है।

रेलवे द्वारा जारी किए गए आंकड़ें :

दरअसल, भारतीय रेलवे द्वारा अपने द्वारा की गई कमाई के आंकड़े जारी किए गए हैं। रेलवे द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार, यात्रियों द्वारा ख़रीदे गए टिकिट के अलावा माल ढुलाई मामले में रेलवे की आय में बढ़त दर्ज हुई है। इस बढ़त के बाद रेलवे ने इस वित्त वर्ष यानी 2022-23 में मात्र 9 महीने के दौरान ही पिछले साल 2021-22 की कुल कमाई के पार कर ली थी। जबकि, अभी भी वित्त वर्ष को खत्म होने में तीन महीने बाकी हैं। बता दें, हाल ही में रेलवे द्वारा बजट आवंटन बढ़ाए जाने की मांग की गई है। इसी बीच आज यह आंकड़े सामने आए है।

रेल मंत्रालय का कहना :

रेल मंत्रालय का कहना है कि, 'रेलवे ने इस वित्त वर्ष में अब तक 1.91 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि रेल मंत्रालय की अब तक की कमाई पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42,370 करोड़ रुपये ज्यादा है। रेलवे की यह उपलब्धि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के पूरा होने से 71 दिन पहले हासिल की गई है।'

अनुमान के अनुसार है यह आंकड़े :

बताते चलें, रेलवे द्वारा सही आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं। सामने आए यह आंकड़े अनुमान के माध्यम से बताए गए हैं। अनुमान के मुताबिक, माल ढुलाई से 1.3 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। जबकि, यात्री किराये से लगभग 55,000 करोड़ रुपये कमाई हुई होगी।इसके अलावा बची शेष कमाई कोचिंग, पार्सल सेवाओं और अन्य प्राप्तियों से होने का अनुमान लगाया गया है। खबरों की माने तो, रेल मंत्रालय द्वारा 19 जनवरी तक 11,850 लाख टन कच्चे माल और वस्तुओं की ढुलाई की है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में आठ फीसदी ज्यादा है। बहरहाल ढुलाई की दूरी बढ़ने और नए बने ज्यादा क्षमता वाले विशेषीकृत वैगनों से सरकार को पिछले साल की समान अवधि की तुलना में राजस्व में 17% वृद्धि करने में मदद मिली है, भले ही माल ढुलाई में मामूली वृद्धि हुई है।

रेलवे के आधिकारिक आंकड़े :

रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो उनमें बताया गया है कि, 'शुद्ध टन किलोमीटर (NTKM), जिसका इस्तेमाल रेलगाड़ी द्वारा तय की गई दूरी की गणना में होता है, पिछले 12 महीनों में 12 फीसदी बढ़ा है। इसी के अनुरूप प्रति एमटी राजस्व भी 101 करोड़ रुपये बढ़कर 108 करोड़ रुपये हो गया है। रेलवे के माल ढुलाई बास्केट में कोयला प्रमुख बना हुआ है। रेलवे ने ढुलाई में विविधीकरण लाने की कवायद की है, इसके बावजूद यह स्थिति बनी हुई है। हाल ही के आंकड़ों से पता चलता है कि कोयले की ढुलाई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 620 लाख टन ज्यादा है, जबकि कुल माल ढुलाई में 800 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है। लौह अयस्क और स्टील दोनों की ढुलाई पिछले साल की तुलना में कम हुई है, जबकि अन्य जिंसों की ढुलाई मामूली बढ़ी है।'

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