indian Government removed ban on export of Paracetamol API Syed Dabeer Hussain - RE
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भारत सरकार ने हटाया पैरासिटामॉल API के निर्यात से प्रतिबन्ध

भारत ने पैरासिटामॉल के फॉर्मूलेशंस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा कर रखा था। जिसे सरकार ने 17 अप्रैल को ही हटाया। वहीं, अब सरकार ने पैरासिटामॉल API के निर्यात से भी प्रतिबंध हटाने का ऐलान कर दिया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। कोरोना का असर दुनिया में तेजी से फैल रहा है। कोरोना का एक लक्षण बुखार भी है और बुखार में कारगर साबित होने वाली दवा का नाम पेरासिटामोल है। जो भारत में बनती है। भारत ने इसके फॉर्मूलेशंस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा कर रखा था। जिसे सरकार ने 17 अप्रैल को ही हटाया था। वहीं अब सरकार ने पैरासिटामॉल API के निर्यात से भी प्रतिबंध हटाने का ऐलान कर दिया है।

DGFT के अनुसार :

दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें बताया है कि, 3 मार्च को जारी किये गए नोटिफिकेशन को रिवाइज़्ड करते कर पैरासिटामॉल API (Pharmaceuticals Ingredients) के निर्यात पर लगाया गया था। वहीं, अब उस नोटिफिकेशन को संशोधित किया गया औरअब जरूरतों को देखते हुए इस प्रतिबंध को हटाया जा रहा है।

क्यों लगाया गया था प्रतिबन्ध :

बताते चलें कि, दुनियाभर में फैल रहे कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के मकसद से 3 मार्च को पैरासिटामॉल और इसके फॉर्मूलेशंस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। आपको जान हैरानी होगी कि, भारत ने बीते दो महीने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल का 120 से अधिक देशों में निर्यात कर इन देशों में इसकी आपूर्ति की है। गौरतलब है कि कोरोनावायरस जैसी जानलेवा महामारी के बढ़ने के साथ साथ ही पूरी दुनिया में इन दवाओं की मांग भी काफी अधिक बढ़ी है।

किस काम आती है यह दवा :

जानकारी के लिए बता दें कि, पैरासिटामॉल नाम की इस दवाई का इस्तेमाल ज्यादातर दर्द और बुखार से पीड़ित लोग करते हैं। इसे डॉक्टरों ने एक दर्द निवारक दवा माना है। इसके अलावा भारत द्वारा विदेशों में भेजी जा रही मदद में पड़ोसी देश चाइना सहित हिन्द महासागर के देशों, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मध्य एशिया, यूरेशिया और उत्तर अफ्रीकी एवं पश्चिमी एशिया के देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की 50 लाख गोलियां उपहार के रूप में भेजी थी। साथ ही पड़ोसी देशों एवं साझीदार देशों को पैरासिटामॉल की 13.2 लाख गोलियां भी भेजी गई थीं।

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