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भारत के सामने यूपीआई के बाद डिजिटल पब्लिक गुड्स के क्षेत्र में बेशुमार अवसर : क्रिस गोपालकृष्णन

इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि यूपीआई के बाद भारत में डिजिटल पब्लिक गुड्स अगला बड़ी संभावनाओं वाला क्षेत्र है

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • भुगतान गेटवे जैसे गूगल पे ने 80 प्रतिशत वयस्क भारतीयों को डिजिटल लेनदेन करने में सक्षम बनाया है, अब हमें अन्य सेवाओं की ओर देखना चाहिए

  • इस समय हमें उन तरीकों पर सोचना होगा, जिनका मदद से हम सेवाओं की उपलब्धता का दायरा बढ़ा सकते हैं, सौभाग्य से हमारे देश में बहुत सस्ता डेटा उपलब्ध

  • यदि आप इस यात्रा का हिस्सा बनेंगे तो लाभान्वित होंगे, फिलहाल यह केवल 50-100 मिलियन लोगों के लिए ही उपलब्ध है, जबकि अवसर अरबों में हैं

  • भारत डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में नया विकास मॉडल लाना चाहता है, यह काम उद्योग जगत और सरकार के सहयोग से ही संभव

  • किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग अब केवल कृषि साख के लिए नहीं होना चाहिए। इसका उपयोग भूमि रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए भी हो सकता है

राज एक्सप्रेस। इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि यूपीआई के बाद भारत में डिजिटल पब्लिक गुड्स अगला बड़ी संभावनाओं वाला क्षेत्र है। मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए गोपालकृष्णन ने कहा कि वास्तविक परिवर्तन का अवसर बड़े पैमाने पर निर्माण में निहित है। उन्होंने कहा डिजिटल पब्लिक गुड्स स्पष्ट रूप से अगला बड़ा अवसर हैं। यह एक ऐसा बदलाव है जिससे उद्योग जगत को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार और नियामकों को इसमें सक्रिय भागीदारी करनी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह परिवर्तन घटित हो।

मैं भारत के फिनटेक को लेकर बहुत आशावादी

एक्सीलर वेंचर्स के अध्यक्ष और इंफोसिस के सह-संस्थापक ने कहा कि वह भारत में फिनटेक को लेकर बहुत आशावादी हैं। सरकार पूरी तरह से इसके पीछे है, नियामक प्लेटफार्मों के साथ खड़े हैं ताकि लोगों का भरोसा इस भुगतान प्रणाली पर बना रहे। यह एक अच्छी बात है कि हमारे पास कम लागत वाली दूरसंचार सेवा उपलब्ध है, इससे इस सेक्टर को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। ये सुविधाएं दुनिया में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं।

भूमि रिकार्ड तक होनी चाहिए किसान क्रेडिट कार्ड की पहुंच

उन्होंने कहा कि हमें अपने लक्ष्य बहुत ऊँचे तय करने चाहिए। पूरा ई-कॉमर्स बदल रहा है। हम एक अलग मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं। भारत डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नया विकास मॉडल बनाना चाहता है। यह केवल तभी संभव है जब उद्योग जगत इसके निर्माण में सरकार के साथ सक्रियता से भाग ले। यह डिजिटल आर्किटेक्चर के निर्माण का यह एक बेहतर तरीका है।

भविष्योन्मुख प्रोजेक्टों पर देना चाहिए जोर

उन्होंने हाल ही में जारी किए जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड का उदाहरण देते हुए कहा इसका उपयोग कृषि साख उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। अब इसका उपयोग भूमि रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कार्ड बनाने में केवल कुछ सेकंड का समय लगता है, लेकिन पहले इसमें तीन महीने का समय लगता था। हमें अपनी भुगतान प्रक्रिया को लोकतांत्रिक बनाना होगा। यह तभी हो सकता है जब उद्योग जगत भी सरकार के साथ सक्रिय रूप से इस फ्रेमवर्क को विकसित करने में मदद करे।

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