राज एक्सप्रेस। जैसा की सभी जानते हैं भारत एक कृषि प्रधान देश हैं। भारत में फसलों के साथ ही दूध दही भी काफी उचित मात्रा में पाया जाता है। इसी के चलते अब भारत ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब भारत मक्खन और घी जैसे डेयरी उत्पादों का आयात कर सकता है। इस बारे में जानकारी पशुपालन एवं डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह द्वारा दी गई है।
भारत बना रहा डेयरी उत्पादों के आयात की योजना :
दरअसल, भारत में उचित मात्र में दूध उपलब्ध है। जिससे दूध के उत्पाद भी उचित मात्रा में मिलते हैं। इसलिए अब भारत ने दूध का उत्पादन स्थिर रहने से आपूर्ति संबंधी कमी को पूरा करने के मकसद से भारत मक्खन और घी जैसे डेयरी उत्पादों का आयात करने की योजना बना रहा है। जबकि पिछले काफी सालों से इन उत्पादों का आयात नहीं किया गया है। आखिरी बार यह आयात साल 2011 में किया गया था। इस बारे में जानकारी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि, "पिछले साल गांठदार त्वचा रोग की वजह से 1.89 लाख मवेशियों की मौत हो गई। मौसम की मार, महंगा चारा और तमाम दुश्वारियों की वजह से 2022-23 में दूध उत्पादन स्थिर रहा। लेकिन, घरेलू मांग 8-10 फीसदी बढ़ गई। उन्होंने कहा, दक्षिणी राज्यों में दूध के भंडार की स्थिति के आकलन के बाद अगर जरूरी हुआ तो सरकार डेयरी उत्पादों के आयात के मामले में हस्तक्षेप करेगी।"
डेयरी सचिव ने दी जानकारी :
पशुपालन एवं डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने आगे कहा, "देश में दूध आपूर्ति में कोई बाधा नहीं है। स्किम्ड मिल्क पाउडर का पर्याप्त भंडार है। लेकिन, डेयरी उत्पादों और विशेष रूप से वसा, मक्खन एवं घी का स्टॉक पिछले साल सेकम है। आमतौर पर दूध उत्पादन सालाना 6% की दर से बढ़ रहा है। हालांकि, 2022-23 में यह कम होगा। आयात इस समय लाभकारी नहीं हो सकता है क्योंकि हाल के महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें मजबूत बनी हुई हैं। अगर वैश्विक कीमतें ऊंची हैं तो आयात करने का कोई मतलब नहीं है। हम देश के बाकी हिस्सों में उत्पादन का आकलन करेंगे और फिर फैसला लेंगे।
भारत से पाम तेल आयात :
देश में पाम तेल के आयात की बात करें तो, मार्च 2023 में यह आयात 28% से बढ़कर 7.50 लाख टन पहुंच गया है। जबकि, फरवरी 2023 में यह आयात 5.86 लाख टन रहा था। डीलरों का कहना है कि, 'पाम तेल पर अधिक छूट मिलने से रिफाइनरी कंपनियों ने सोया व सूरजमुखी तेल का कम आयात किया। इससे सोया तेल आयात 27 फीसदी घटकर 2.59 लाख टन रह गया। सूरजमुखी तेल में 4 फीसदी गिरावट रही।'
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