Increase in crude oil prices  Raj Express
व्यापार

मांग बढ़ने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में सुर्खी, ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स में 0.45 % की बढ़ोतरी

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • चीन में कच्चे तेल का आयात 2024 के पहले दो महीनों में 5.1 फीसदी बढ़ा

  • अमेरिका मे्ं आने वाले हफ्तों में तेल बाजार और तेजी देखने में आ सकती है

  • कनाडा में कीस्टोन तेल पाइपलाइन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है

राज एक्सप्रेस। दुनिया के सबसे बड़े दो तेल उपभोक्ताओं संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में तेज की मांग बढ़ने और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती के संकेतों की वजह से तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। कल गुरुवार को ब्रेंट क्रूड वायदा 37 सेंट या 0.45 फीसदी वृद्धि के साथ 83.32 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर जा पहुंचे थे। जबकि, यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 48 सेंट 0.61 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 79.44 डॉलर पर जा पहुंचा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी गैसोलीन भंडार में पिछले सप्ताह 4.5 मिलियन बैरल की गिरावट देखने को मिली है। जबकि, डिस्टिलेट भंडार में 4.1 मिलियन बैरल की कमी आई है। बढ़ी हुई मांग की वजह से इन दोनों भंडारों में उम्मीद से अधिक गिरावट देखने को मिली है। माना जा रहा है कि अमेरिका मे्ं आने वाले हफ्तों में तेल बाजार और तेजी देखने में आ सकती है। चीन में, कच्चे तेल का आयात एक साल पहले के मुकाबले 2024 के पहले दो माह में 5.1 फीसदी बढ़ गया है।

उधर, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और उपभोक्ता भारत में फरवरी में की ईंधन खपत में साल-दर-साल आधार पर 5.7 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल फरवरी में चीन में कच्चे तेल का आयात सालाना आधार पर 3.3 फीसदी बढ़ा है। यह इस साल के लिए मांग में बढ़त की उम्मीदों के मुताबिक ही है। लेकिन यह तय माना जा रहा है कि यह बढ़त 2023 की तुलना में काफी कम होगी। 2023 में जीरो-कोविड प्रतिबंधों की समाप्ति के कारण ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल सेक्टर की गतिविध में जोरदार बढ़त हुई थी।

तेल की कीमतों को सहारा देते हुए, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने गुरुवार को कहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस बात को लेकर आश्वस्त है कि महंगाई 2 फीसदी लक्ष्य की ओर आ रही है। इससे दर में कटौती करना संभव हो जाएगा। उनकी टिप्पणियों ने जून में पहली दर कटौती की निवेशकों की उम्मीदों को मजबूत किया और इसके चलते कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती देखने को मिली थी।

उधर, कनाडा में टीसी एनर्जी की कीस्टोन तेल पाइपलाइन ने गुरुवार को फिर से काम करना शुरू कर दिया है। कीस्टोन तेल पाइपलाइन के माध्यम से कनाडा से अमेरिका को बड़ी मात्रा में तेल भेजा जाता है। यह पिछले कुछ समय से बंद थी। इसकी वजह से भी तेल की कीमतों में बढ़त देखने को मिली थी।

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