गुजरात : आयकर विभाग ने छापेमारी कर किया करोड़ों के लेनदेन का खुलासा Syed Dabeer Hussain - RE
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आयकर विभाग ने की कई शहरों में स्थित दो ग्रुप्स पर छापेमारी, हुए कई बड़े खुलासे

आयकर विभाग ने कई शहरों में स्थित इत्र विनिर्माण और रियल एस्टेट के बिजनेस से जुड़े दो ग्रुप्स पर छापेमारी की है। इस छापेमारी में व्यापक पैमाने पर कर चोरी करने की बात सामने आई है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश का आयकर विभाग हर छोटे-मोटे औद्योगिक-समूह पर निगरानी रखता है। यदि कहीं भी कोई घोटाला या धोखाधड़ी होती है तो, आयकर विभाग उस संस्था पर छापामारी करते हुए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है। वहीं, अब आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात में इत्र विनिर्माण और रियल एस्टेट के बिजनेस से जुड़े दो ग्रुप्स पर छापेमारी की है। इस छापेमारी में व्यापक पैमाने पर कर चोरी करने की बात सामने आई है।

आयकर विभाग की छापेमारी :

दरअसल, हाल ही में आयकर विभाग ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के विधान पार्षद पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन सहित उत्तर प्रदेश के दो अन्य इत्र व्यपारियों और रियल एस्टेट ग्रुप्स पर छापेमारी कर बड़े खुलासे किए थे। वहीं, अब आयकर विभाग ने एक बार फिर ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। विभाग के अधिकारीयों ने कई शहरों में स्थित एक ही कंपनी पर छापेमारी की है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली , तमिलनाडु और गुजरात के नाम शामिल है। इस छापेमारी के दौरान 500 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन का खुलासा हुआ है। साथ ही कथित तौर पर स्टॉक हेराफेरी, खाता बही में गड़बड़ी और करोड़ों रुपये की कर चोरी जैसे कारनामों का भी भंडाफोड़ हुआ है।

कब की गई यह छापेमरी :

आयकर विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह छापेमारी महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात में 31 दिसंबर को की गई। इस दौरान कुल 40 से अधिक परिसरों और कन्नौज सहित उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर छानबीन की गई। इस मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा एक बयान जारी किया गया है। हालांकि, जारी किए गए इस बयां में किसी भी कंपनी का नाम नहीं लिया गया है लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, 'वे पीयूष जैन और एक अन्य इत्र कारोबारी फौजान मलिक से जुड़े हैं।'

CBDT का कहना :

CBDT ने जैन के संबंध में कहा कि, 'यह पाया गया कि समूह "इत्र की बिक्री को कम बताकर, स्टॉक में हेराफेरी, कर योग्य इकाई से कर छूट वाली इकाई में मुनाफे को अंतरित करने के लिए खातों में हेराफेरी, खर्च को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हुए कर चोरी में शामिल था। विभाग ने दावा किया कि, 'बिक्री कार्यालय और मुख्य कार्यालय में मिले सबूतों से पता चला है कि समूह अपनी 35-40% खुदरा बिक्री 'कच्चा' बिलों के जरिए नकद करता है और इन नकद प्राप्ति को नियमित खातों में दर्ज नहीं किया जाता है और यह करोड़ों रुपये की राशि है।'

आयकर विभाग का बयान :

आयकर विभाग के बयान में कहा है कि, 'गत 31 दिसंबर को 40 परिसरों पर यह छापेमारी की गयी। इत्र बनाने वाली कंपनी के विरूद्ध मुंबई और उत्तर प्रदेश में कार्रवाई की गयी जिसमें व्यापक पैमाने पर कर चोरी का पता चला है। कर चोरी के लिए यह समूह कई तरह के हथकंडे अपना रहा था ताकि वह लाभ को कर से छूट की श्रेणी में डाल सके। जाँच के दौरान कंपनी के विक्रय कार्यालय और मुख्यालय ने स्वीकार किया कि 40 प्रतिशत तक बिक्री नकदी में की जाती है और इसका कच्चा बिल दिया जाता है और कच्चे बिल को नियमित खाते में नहीं चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही नकली पक्षों से पांच करोड़ रुपये की खरीदारी दिखायी गयी है। यह समूह अपनी अघोषित आय को मुंबई के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात में रियल एस्टेट में निवेश किया है।इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है। इसके साथ ही साझेदारों को दिये गये 45 करोड़ रुपये के लाभ को भी नहीं दिखाया गया है।'

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