इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी कर किया कपड़ा समूह की काली कमाई का खुलासा Social Media
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी कर किया कपड़ा समूह की काली कमाई का खुलासा

देश के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा की गई छापेमारी ने देश के एक बड़े वस्त्र निर्माता समूह की काली कमाई का खुलासा किया है। क्योंकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने समूह के कई ठिकानों पर छापेमारी की है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में पिछले कुछ समय में बैंको से जुड़े कई घोटाले सामने आए हैं। इसलिए आज बैंक के घोटाले के मामले भारत में बहुत ही आम हो गए हैं। हाल अब यह है कि, पुराने घोटालों के आरोपियों को सजा भी नहीं मिल पाती है और कोई नया मामला सामने आ जाता है। इसका खुलासा या तो पुलिस द्वारा की गई जांच से होता है या फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी से। वहीं, अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देश के एक बड़े वस्त्र निर्माता समूह की काली कमाई का खुलासा किया है।

कपड़ा समूह पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा :

दरअसल, देश के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा की गई छापेमारी ने देश के एक बड़े वस्त्र निर्माता समूह की काली कमाई का खुलासा किया है। क्योंकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने समूह के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जिससे करोड़ों के काले धन सामने आया है। इस मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBD) ने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'समूह के दिल्ली, पंजाब और कोलकाता की इकाइयों में 18 सितंबर से शुरू हुई ताबड़तोड़ तलाशी में पाया गया है कि, कंपनी ने 350 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित कमाई विदेशी बैंकों के खातों में जमा कर रखी है। यही नहीं इस पैसे को कर चोरी के अड्डे वाले देशों (टैक्स हैवेंस) की मुखौटा कंपनियों के जरिये अपने कारोबार में लगाया।'

CBD ने बताया :

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBD) ने समूह से जुड़े इस फर्जीवाड़े की मोडस ओपरेंडी समझाते हुए बताया कि, 'समूह ने अपने नियंत्रण वाली विदेशी कंपनियां के जरिये विदेशी मुद्रा के बॉन्ड के जरिये मुख्य कारोबार में निवेश कराया। इन बॉन्ड को कंपनी के शेयर के रूप में दिखाया। बताते चलें, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस छापेमारी के दौरान कई डाक्यूमेंट्स भी मिले है। जिससे टैक्स चोरी के मामलों का पता चलता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डायरी, डिजिटल सुबूत आदि जब्त किए हैं।'

डिपार्टमेंट ने दी जानकारी :

डिपार्टमेंट ने बताया है कि, 'कंपनी ने बड़े पैमाने पर अघोषित आय को जमीन खरीदने में लगाया। इस रकम की हेराफेरी को छिपाने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये के बोगस खर्चे दिखाए गए। टीमों ने कई विदेशी कंपनियों और ट्रस्ट का भी पता लगाया है जिन्हें इस समूह द्वारा रखरखाव शुल्क का भुगतान किया गया। यह पैसा अघोषित कमाई को ठिकाने लगाने के लिए किया गया।'

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