आय के हिसाब से लोगों-कंपनियों को अलग-अलग फार्म भरने पड़ते हैं।
ठीक से जानकारी नहीं होने की वजह से लोगों को होना पड़ता है परेशान।
समझ लीजिए किस स्थिति में भरा जाता है कौन सा आईटीआर फॉर्म।
राज एक्सप्रेस। आयकर विभाग ने 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म एक और चार को अधिसूचित कर दिया है। बता दें कि इस फॉर्म को 50 लाख रुपये तक की कुल सालाना आय वाले व्यक्ति और इकाइयां भरते हैं। व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के अलावा, 50 लाख रुपये तक की आय वाली कंपनियां और चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2023-मार्च 2024) में किसी कारोबार और पेशे से आय अर्जित करने वाले वाले लोग इस वित्तीय वर्ष में अर्जित आय के लिए इससे रिटर्न दाखिल करना शुरू कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष के लिए आईटीआर फॉर्म आमतौर पर, मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में अधिसूचित किए जाते हैं। पिछले साल, ये फॉर्म फरवरी माह में अधिसूचित किए गए थे। इस साल में करदाताओं को जल्द रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिहाज से ही आईटीआर फॉर्म दिसंबर में ही अधिसूचित किए गए हैं। आईटीआर फॉर्म एक (सहज) और आईटीआर फॉर्म चार (सुगम) सरल फॉर्म कहलाते हैं।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को फॉर्म अधिसूचित किए हैं। सहज को 50 लाख रुपये तक की आय और वेतन वाले, एक घर, अन्य स्रोतों (ब्याज) और 5,000 रुपये तक की कृषि से आय प्राप्त करने वाले निवासी व्यक्ति भर सकते हैं। सुगम फॉर्म वे व्यक्ति, हिंदु अविभाजित परिवार और सीमित देनदारी भागीदारी एलएलपी वाली कंपनियां भर सकती हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी कमाई कारोबार और पेशे से है।
आईटीआर फॉर्म भरने को लेकर अक्सर लोगों के मन में दुविधा होती है, क्योंकि वे नहीं जानते कि सही आईटीआर कैसे चुना जाए। आइए समझने का प्रयास करते हैं कि अपने लिए सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव कैसे करें, ताकि आपको किसी परेशनी से न गुजरना पड़े ?
वे भारतीय नागरिक जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपए तक है, वे फॉर्म एक भरते हैं। 50 लाख तक की कमाई में आपकी सैलरी, पेंशन या किसी अन्य स्रोत से प्राप्त आय को भी शामिल किया जाता है। 5000 रुपए तक की कृषि आय को भी इसमें शामिल किया जाता है। पर अगर आप किसी कंपनी के निदेशक हैं, किसी अनलिस्टेड कंपनी में निवेश किया है, कैपिटल गेन्स से कमाई होती है, एक से ज्यादा घर या प्रॉपर्टी से आय करते हैं या फिर बिजनेस से कमाई करते हैं, तो यह फॉर्म आप नहीं भर सकते हैं।
अगर आपकी आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है, तो ये फॉर्म आपके लिए है। इसके तहत एक से ज्यादा आवासीय संपत्ति, इन्वेस्टमेंट पर कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपए से ज्यादा डिविडेंड आय और खेती से हुई 5000 रुपए से ज्यादा आय की जानकारी देनी होती है। इसके अलावा अगर पीएफ से ब्याज के तौर पर कमाई हो रही है, तब भी यह फॉर्म भरा जाता है।
बिजनेसमैन हैं, अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया है, किसी कंपनी में पार्टनर हों, तो आप आईटीआर फॉर्म 3 भर सकते हैं। इसके अलावा ब्याज, सेलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए की इनकम होती है, तो भी आप ये फॉर्म भर सकते हैं।
यह व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार के लिए होता है। अगर आपकी इनकम अपने बिजनेस या डॉक्टरी या वकालत जैसे किसी पेशे से होती है, पार्टनरशिप फर्म्स (एलएलपी के अलावा) चलाने वाले, धारा 44 एडी और 44 एई के तहत आय करने वाले और सैलरी या पेंशन से 50 लाख से ज्यादा की कमाई करने वाले लोग इस फॉर्म को भरते हैं। अगर आप फ्रीलांसर हैं और आपकी कमाई सालाना 50 लाख से अधिक है, तो भी यह फॉर्म आप भर सकते हैं।
आईटीआर 5 उन संस्थाओं के लिए होता है जिन्होंने खुद को फर्म, एलएलपी, एओपी, बीओआई के रूप में रजिस्टर्ड करा रखा है। इसके साथ ही एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए भी इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत जिन कंपनियों को छूट नहीं मिलती है, उनके लिए आईटीआर फॉर्म 6 होता है। जिन्हें 139(4ए) या सेक्शन 139(4बी) या सेक्शन 139(4सी) या सेक्शन 139(4डी) के तहत रिटर्न दाखिल करना होता है, उन कंपनियों और लोगों को आईटीआर फॉर्म 7 भरने की जरूरत होती है।
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