Kisan Vikas Patra Raj Express
व्यापार

KVP स्कीम में अब 5 माह पहले ही डबल हो जाएगा पैसा, 5 लाख के बदले मिलेंगे 10 लाख, ये दस्तावेज हैं जरूरी

केवीपी अब पहले से भी ज्यादा बेहतर हो गई है। केंद्र ने एक अप्रैल से किसान विकास पत्र पर मिलने वाली ब्याज दर को 7.2 से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत सालाना कर दिया है।

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। पोस्ट ऑफिस के माध्यम से संचालित की जाने वाली सरकारी स्कीम किसान विकास पत्र (केवीपी) अब पहले से भी ज्यादा बेहतर हो गई है। केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से किसान विकास पत्र पर मिलने वाली ब्याज दर को 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत सालाना कर दिया है। यानी इस योजना में अब परिपक्वता की अवधि 5 माह कम हो गई है। पहले जहां इस योजना में पैसे डबल होने में 120 माह का समय लगता था, लेकिन अब आपकी जमा राशि 115 महीने में ही दोगुनी हो जाएगी। किसान विकास पत्र भारत सरकार द्वारा जारी की गई एक वन टाइम निवेश योजना है। इस योजना में एक तय समय में आपके द्वारा जमा किया गया पैसा दोगुना हो जाता है। किसान विकास पत्र देश के सभी डाकघरों और बड़े बैंकों में मौजूद है। इसमें न्यूनतम 1000 रुपये निवेश किया जा सकता है, जबकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।

कौन कर सकता है इस योजना में निवेश

यह योजना किसानों ने खासतौर से किसानों के लिए बनाई गई है, ताकि वे लंबे समय के आधार पर अपने पैसे बचा सकें। किसान विकास पत्र में निवेश करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होनी जरूरी है। इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा ज्वॉइंट अकाउंट की सुविधा भी है। वहीं, यह योजना नाबालिगों के लिए भी मैजूद है, जिसकी देखरेख उनके अभिभावक को करनी होती है। यह योजना हिंदू अविभाजित परिवार यानी एचयूएफ नया एनआरआई को छोड़कर ट्रस्ट के लिए भी लागू है। किसान विकास पत्र में निवेश करने वाले लोगों को कुछ शर्तों और परिस्थतियों में अकाउंट ट्रांसफर करने की सुविधा दी गई है। किसान विकास पत्र के खाताधारक की मौत की स्थिति में उसके नामिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को अकाउंट ट्रांसफर किया जाएगा। इसके साथ ही ज्वॉइन्ट अकाउंट होल्डर्स में से किसी की मौत हो जाने पर कोर्ट के आदेश से अकाउंट का ट्रांसफर किया जा सकता है।

संयुक्त रूप से भी खरीदे जा सकते हैं केवीपी

किसान विकास पत्र या केवीपी में 1000 रुपये, 5000 रुपये, 10,000 रुपये और 50,000 रुपये तक के सर्टिफिकेट हैं, जिन्हें अपनी क्षमता के अनुसार इतने में ही या इनके गुणकों में खरीदा जा सकता है। केवीपी लेने के लिए आपके पास ये देस्तावेज होने जरूरी हैं, जिन्हें केवाईसी प्रक्रिया के लिए पहचान प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, केवीपी आवेदन पत्र, एड्रेस प्रूफ, बर्थ सर्टिफिकेट मांगे जाते हैं। आप पास के किसी भी डाकघर में जाकर फॉर्म भरकर अकाउंट खोल सकते हैं। इसके अलावा फॉर्म आनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म पर पूरा नाम, जन्मतिथि और नामांकित व्यक्ति का पता लिखा होना चाहिए। फॉर्म में परचेज अमाउंट की मात्रा स्पष्ट रूप से लिखी गई होनी चाहिए। केवीपी फॉर्म की राशि का भुगतान चेक या नकद किया जा सकता है। चेक के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं, तो कृपया फॉर्म पर चेक नंबर की जानकारी अवश्य दें। फॉर्म में स्पष्ट करें केवीपी एकल या ज्वॉइंट किस आधार पर खरीदा जा रहा है। यदि इसे संयुक्त रूप से खरीदा जा रहा है, तो दोनों लाभार्थियों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे जाने चाहिए।

योजना में निवेश से टैक्स में फायदा मिलेगा या नहीं?

अगर लाभार्थी नाबालिग है, तो उसकी जन्म तिथि, माता–पिता का नाम, अभिभावक का नाम लिखा जाना चाहिए। फॉर्म जमा करने पर लाभार्थी के नाम, मेच्योरिटी तिथि और मेच्योरिटी राशि के साथ किसान विकास प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। केवीपी में निवेश करने पर आपको अर्जित लाभ की रकम पर टैक्स देना पड़ता है, जबकि अन्य स्कीम नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और पीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। आयकर एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत दी जाने वाली छूट इस स्कीम पर लागू नहीं होती। यानी आपके द्वारा किया गया निवेश आयकर के दायरे में ही रहेगा, जबकि पीपीएफ खाता और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में किए गए निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है। इसके अलावा बैंकों में 5 साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में किए गए निवेश को भी सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT