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सन 2016 में रघुराम राजन ने विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व वाले फिनटेक स्टार्ट-अप का किया था समर्थन

Paytm Payments Bank Crisis: 2015 में, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को भुगतान बैंक स्थापित करने के लिए आरबीआई से प्रारंभिक मंजूरी मिली थी।

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रडार पर है पेटीएम

  • पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 29 फरवरी के बाद काम करने पर रोक

  • पेटीएम लांच होते समय पूर्व आरबीआई प्रमुख राजन ने की प्रशंसा

राज एक्सप्रेस । विजय शेखर शर्मा द्वारा स्थापित फिनटेक स्टार्ट-अप पेटीएम, वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रडार पर है। आरबीआई ने पेटीएम की बैंकिंग इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहकों को जोड़ना बंद करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही 29 फरवरी के बाद अपनी सेवाएं पूरी तरह से बंद करने को कहा है। पेटीएम को एक समय भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति का नेतृत्व करने वाले फिनटेक के रूप में देखा जाता था। आरबीआई ने नवीन फर्मों और नियामक निकायों के बीच संभावित टकराव के बारे में पहले से चेतावनी दी थी।

सन 2015 में मिली थी पेटीएम को मंजूरी

2015 में, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को भुगतान बैंक स्थापित करने के लिए आरबीआई से प्रारंभिक मंजूरी मिली थी। हालाँकि, अपने बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के बावजूद, वोडाफोन के एमपेसा, आदित्य बिड़ला मनी और टेक महिंद्रा ने व्यवसाय में प्रवेश नहीं किया। तत्कालीन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने अगस्त 2016 में यह बात कही थी। हम पेमेंट बैंकों पर दांव लगा रहे हैं। पेटीएम एक इनोवेटिव फर्म है और इनोवेटिव कंपनियां हमेशा नियामकों के साथ सहज नहीं होती हैं। हम यह देखना चाहते हैं कि वे सिस्टम को कहां धकेलते हैं। इसलिए उनके पास भुगतान बैंक का लाइसेंस है।

राजन ने 2016 में कहा था बैंकिंग में क्रांति जरूरी

इसके अगले माह सितंबर 2016 में आरबीआई गवर्नर के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था। राजन ने कहा था हम कई सालों से कह रहे हैं कि बैंकिंग क्रांति की जरूरत है। क्रांति आज हमारे सामने है। रघुराम राजन ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लॉन्च करते समय यह भी कहा कि एक नियामक के लिए 'नहीं' कहना सबसे आसान काम है, लेकिन उसकी यह प्रवृत्ति सिस्टम को विकसित होने से रोकती है। हमें नवाचार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। तभी हम भविष्य में बेहतर बैंकिंग प्रणाली का विकास कर पाएंगे।

राजन ने कहा था नई चीज को नहीं कहना आसान

पूर्व आरबीआई बॉस राजन ने आगे कहा कि किसी भी नई तकनीक के मामले में इंतजार करें और देखें का दृष्टिकोण होना चाहिए। नहीं कहना बेहद आसान काम है। जब भी अनिश्चितता की स्थिति होती है तो नहीं कहना सबसे आसान होता है। जब अनिश्चितता होती है, तो 'नहीं' कहना बेहद आसान होता है। 'नहीं' कहना सिस्टम को विकसित होने से रोकता है। कहने के लिए पसंदीदा बात यह है कि प्रतीक्षा कीजिए, हमें इसे देखना होगा। सचमुच देखने का प्रयास कीजिए कि इसे अधिकतम कितना बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकता है।

राजन की टिप्पणी पर पेटीएम ने जताई थी कृतज्ञता

राजन की टिप्पणियों के बाद, पेटीएम ने अपने फेसबुक पेज पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, हम वास्तव में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के शब्दों से आभारी हैं, जो हमारे नवाचार में विश्वास करते हैं। वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) की सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक, नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों का अनुपालन नहीं करने के कारण पिछले दो सालों से आरबीआई की नियामक जांच के दायरे में है। कथित तौर पर बैंकिंग अनुपालन मानदंडों के उल्लंघन जैसे मुद्दों के कारण आरबीआई द्वारा लगाए गए हालिया अंकुश के कारण पेटीएम के बाजार मूल्य में 2 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।

आरबीआई के साथ चर्चा को पहुंचे विजय शेखर शर्मा

नवंबर 2021 में सूचीबद्ध होने के बाद से कंपनी के शेयर की कीमत में 72% की गिरावट आई है। आरबीआई के निर्देश ने पेटीएम से जुड़े व्यापारियों को परेशान कर दिया है, जिससे फोन पे और गूगल पे जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को फायदा हुआ है। नियामक बाधाओं के बावजूद, शर्मा ने आश्वासन दिया है कि पेटीएम ऐप काम करना जारी रखेगा और ग्राहक उपलब्ध शेष राशि समाप्त होने तक अपने पेटीएम वॉलेट या पेटीएम पेमेंट्स बैंक से धन निकाल या स्थानांतरित कर सकते हैं। विजय शेखर शर्मा बाजार में बने रहनेा के वैकल्पिक उपायों पर आज आरबीआई के साथ कर्चा करने पहुंचे हैं। हालांकि, इस चर्चा का अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

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