राज एक्सप्रेस। इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) द्वारा समय-समय पर देश की GDP को लेकर आंकड़े जारी किए जाते हैं। हालांकि, लॉकडाउन के बाद से देश में आंकड़े गिरने की आशंका पहले से ही थी। इसी बीच IMF द्वारा मंगलवार को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए भारत की GDP ग्रोथ को लेकर अनुमान जताया गया है। हालांकि, IMF द्वारा जताए गए अनुमान उम्मीद से बिल्कुल उलट रहे हैं, क्योंकि देश की इकोनॉमी (GDP) को लेकर भारतवासियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है।
IMF द्वारा GDP का अनुमानित आंकड़े :
दरअसल, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) द्वारा मंगलवार को इस साल यानी 2021 के लिए भारत की इकोनॉमी (GDP) ग्रोथ का अनुमान जारी किया गया है। जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, IMF द्वारा GDP की ग्रोथ 9.5% दर से बढ़ने का अनुमान जताया गया है,इसके अलावा अगले साल यानी 2022 के लिए ग्रोथ रेट की दर का अनुमान 8.5%होने का अनुमान जताया है। बताते चलें, कोरोना के चलते देश को पिछले साल काफी नुकसान उठाना पड़ा था। जिसके परिणाम यह रहे थे कि, देश की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 7.3% तक की गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल मामलों में कमी के चलते काफी बदलाव देखने को मिला है। इतना ही नहीं अब देश आर्थिक मंदी से बाहर आता नजर आरहा है।
दुनिया की ग्रोथ रेट :
इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य (WEO) में भारत की अर्थव्यवथा में दर्ज होने वाली बढ़त के अनुमानों को इस साल जुलाई में जारी किया गया था, जो अपने पिछले अनुमान पर ही स्थिर थी, हालांकि, यह आंकड़ा अप्रैल के दौरान लगाए गए अनुमान की तुलना में 1.6% कम रहा था। बता दें, IMF और विश्व बैंक (World Bank) की सालाना बैठक से पहले IMF के जारी ताजा WEO के अनुसार, इस साल 2021 में पूरी दुनिया की की ग्रोथ रेट 5.9% और 2022 में 4.9% रहने का अनुमान जताया गया है। जबकि भारत में भी अर्थव्यवस्था को पुरानी रफ़्तार में लाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है।
NSO के ताजा आंकड़े :
NSO के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में औद्योगिक उत्पादन लगातार बढ़ाता नजर आरहा है और अगस्त 2021 के दौरान इसमें 11.9% की बढ़त दर्ज की गई है। इसके अलावा कच्चा तेल, कोल और स्टील समेत 8 बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में भी बढ़त ही दर्ज की गई है। हालांकि, पिछले साल देखा जाये तो कोरोना के चलते मार्च से औद्योगिक उत्पादन पर काफी बुरा प्रभाव देखने को मिला है। उस समय इसमें 18.7% की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, अप्रैल 2020 की बात करें तो उस समय भी देश में लॉकडाउन लागू रहने से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं जिससे औद्योगिक उत्पादन में 57.3% की गिरवाट देखने को मिली थी।
IMF की चीफ का कहना :
IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा कि, 'उनके जुलाई के पूर्वानुमान की तुलना में 2021 के लिए वैश्विक वृद्धि अनुमान को मामूली रूप से संशोधित कर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है और 2022 के लिए यह 4.9 प्रतिशत पर बना हुआ है।'
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