नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (2016 का 31) के कुछ प्रावधान एयरक्रॉफ्ट, एयरक्राफ्ट इंजनों और हेलीकॉप्टरों पर लागू नहीं होंगे
सरकार ने इस नोटिफिकेशन के जरिए एयरक्राफ्ट, एयरक्राफ्ट इंजनों और हेलीकॉप्टरों से जुड़े ट्रांजैक्शन को आईबीसी की सीमा से बाहर निकाल दिया है
राज एक्सप्रेस। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने 4 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (2016 का 31) के कुछ प्रावधान एयरक्रॉफ्ट, एयरक्राफ्ट इंजनों, एयरफ्रेम और हेलीकॉप्टरों पर लागू नहीं होंगे। ये प्रावधान कनवेंशन एंड प्रोटोकॉल के तहत उपर्युक्त चीजों से जुड़े ट्रांजेक्शंस, अरेंजमेंट्स या एग्रीमेंट्स पर भी लागू नहीं होंगे। सरकार के इस नोटिफिकेशन के जरिए एयरक्राफ्ट, एयरक्राफ्ट इंजनों और हेलीकॉप्टरों से जुड़े ट्रांजैक्शन को आईबीसी की सीमा से बाहर निकाल दिया गया है। सरकार का यह नोटिफिकेशन तब आया है, जब गो फर्स्ट की दिवालियेपन के लिए कार्यवाही या इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स चल रही है।
गो फर्स्ट वाडिया समूह की विमानन कंपनी है। इसने आईसीबी के सेक्शन 10 के तहत 10 मई को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में वॉलेंटरी इनसॉल्वेंसी के लिए आवेदन किया था। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने अपनी दलील में कहा था कि वह अपनी सेवाएं इसलिए बंद करने को मजबूर हो गई, क्योंकि अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड ह्विटनी के इंजनों में गंभीर गड़बड़ी थी। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि गो फर्स्ट के ज्यादातर विमानों के इंजन प्रैट एंड व्हीटनी के ही थे।
गो फर्स्ट ने कहा था कि वह अपनी सेवाएं इसलिए बंद करने को मजबूर हो गई, क्योंकि अमेरिकी कंपनी के इंजन में गंभीर गड़बड़ी थी। कंपनी के ज्यादातर विमान के इंजन प्रैट एंड व्हीटनी के थे। वॉलेंटरी इनसॉल्वेंसी या स्वैच्छिक दिवालियापन का आवेदन करने का मकसद डेट की रीस्ट्रक्चरिंग या ऋण पुनर्गठन की कोशिश थी। आईबीसी के सेक्शन 10 का संबंध कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया या कार्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस की शुरुआत से है।
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