दो समूहों के 34 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई। - सांकेतिक तस्वीर Social Media
व्यापार

I-T विभाग ने तमिलनाडु में छापेमारी के बाद 250 करोड़ रुपये के काले धन का पता लगाया

सीबीडीटी ने बताया कि समूह के सदस्य "विलासी जीवन शैली पर भारी नकद खर्च करते थे, नकद ऋण देते/चुकाते थे, चिट फंड निवेश करते थे।"

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

  • रेशम साड़ियों के व्यापार से जुड़ा समूह

  • छापे में 34 ठिकानों की हुई तलाशी

  • 400 करोड़ रुपये का नकद ट्रांजेक्शन

राज एक्सप्रेस (Raj Express)। आयकर विभाग ने तमिलनाडु में दो व्यापारिक समूहों के खिलाफ तलाशी के दौरान 250 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया है। सीबीडीटी ने रविवार को बताया कि; आयकर विभाग ने तमिलनाडु में रेशम साड़ियों के व्यापार और चिट फंड में शामिल दो व्यापारिक समूहों के ठिकानों की तलाशी में यह सफलता हासिल की।

34 ठिकानों की तलाशी -

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी/CBDT) यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की जानकारी के मुताबिक 5 अक्टूबर को कांचीपुरम, वेल्लोर और चेन्नई में 34 स्थानों पर तलाशी ली गई थी।

सीबीडीटी ने कहा कि चिट फंड के कारोबार में लगा समूह एक अनधिकृत कारोबार चला रहा था।

इस समूह ने पिछले कुछ सालों में 400 करोड़ रुपये से अधिक के सभी निवेश और भुगतान पूरी तरह से नकद में किए गए थे।

बेहिसाब आय -

सीबीडीटी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, समूह ने कथित तौर पर कमीशन और लाभांश के माध्यम से बेहिसाब आय अर्जित की थी।

"कई वचन पत्र, हस्ताक्षरित पोस्ट-डेटेड चेक और दिए गए ऋण या चिट ग्राहकों से संपार्श्विक के रूप में रखे गए पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया गया है।"
CBDT (जैसा जारी बयान में बताया)

सीबीडीटी ने कहा, "समूह ने नकद वित्तपोषण से बेहिसाब ब्याज आय अर्जित की थी और भारी बेहिसाब निवेश और खर्च किया था।"

आपको बता दें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) कर विभाग (Tax Department) के लिए नीति तैयार करता है।

जानकारी के मुताबिक समूह के सदस्यों के स्वामित्व वाली संपत्तियों में आलीशान घर और फार्म हाउस शामिल हैं। भले ही वे “या तो गैर-फाइलर थे या उन्होंने अपने कर रिटर्न में अब तक नगण्य आय का खुलासा किया था।”

बेहिसाब नकदी/सोना जब्त -

दी गई जानकारी के अनुसार छापे में 1.35 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 7.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए। साथ ही जांच में 150 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का भी पता चला।

रेशम साड़ियों के व्यापार में शामिल समूह के बारे में जानकारी देते हुए सीबीडीटी ने बताया कि पिछले चार वर्षों के दौरान बिक्री में कमी के सबूत मिले हैं।

विभागीय दावा है कि, "एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से बिक्री के आंकड़ों में हेराफेरी का पता चला है।"

बोर्ड का आरोप है कि; "इस जोड़तोड़ के बाद, समूह के सदस्य नियमित रूप से बेहिसाब नकदी निकालकर भूमि और भवन में निवेश करते थे।"

सीबीडीटी ने बताया कि समूह के सदस्य "विलासी जीवन शैली पर भारी नकद खर्च करते थे, नकद ऋण देते/चुकाते थे, चिट फंड निवेश करते थे।"

बयान में कहा गया है कि 44 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 9.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए और इस समूह में अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है।

डिस्क्लेमर आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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