राज एक्सप्रेस । रिजर्व बैंक ने पिछले साल के मई माह से अब तक ब्याज दरों यानी रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा किया है। जिसके चलते बैंकों ने भी अपने कर्ज की दरों में लगातार बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी की वजह से होमलोन के रेट भी 1.5 से 2 फीसदी बढ़ गए हैं। इससे आमलोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं और सवाल उठ रहा है कि क्या आरबीआई आगे कर्ज की दरों को लेकर राहत देगा या आगे भी होम लोन और ऑटो लोन महंगा होने वाला है। इस सवाल के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ संकेत दिए हैं।
शक्तिकांत दास ने कहा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकना उनके हाथ में नहीं है। यह उस समय की जमीनी स्थिति पर निर्भर करता है। अप्रैल में आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर (रेपो) को 6.5 फीसदी पर स्टेबल रखते हुए सभी को हैरान कर दिया था। जिसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि आगे भी ब्याज दर नहीं बढ़ाई जाएगी। बल्कि अगले दिनों में ब्याज दरों में कटौती भी की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में दास ने कहा कि इस तरह के सुझाव आए हैं कि केंद्रीय बैंक को आगामी मॉनेटरी पॉलिसी बैठकों में नीतिगत दर में बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा यह मेरे हाथ में नहीं है। यह जमीनी स्थिति पर निर्भर करता है, जो कुछ उस समय हो रहा है मुझे उसके हिसाब से फैसला करना है। यह देखना है कि रुझान क्या है। क्या मुद्रास्फीति बढ़ रही है या नरम हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरह यह निर्णय पूरी तरह मेरे हाथ में नहीं है। यह तत्कालीन परिस्थिति ही तय करती है कि मैं क्या फैसला लूंगा। इसके बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता।
शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा महंगाई में कुछ नरमी आई है, लेकिन अभी इस मोर्चे पर कोई लापरवाही नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि रिटेल महंगाई के अगले आंकड़े में महंगाई दर 4.7 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई अप्रैल में 4.7 फीसदी रही थी। शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया कि नकद, तरलता की मजबूत स्थिति और एसेट क्वालिटी में सुधार के साथ भारतीय बैंकिंग सिस्टम स्थिर और मजबूत बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था को पूरा समर्थन देगा। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने अपने अबतक के अनुभव के आधार पर केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) ढांचे को और बेहतर किया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रणाली अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले ऐसे किसी कारक से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की पूरी प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी होगी। आरबीआई लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और अभी तक कोई बड़ा मुद्दा सामने नहीं आया है। अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित करेगा। रिजर्व बैंक का प्रयास विनिमय दरों को स्थिर रखना है। दो हजार का रुपया वापस करके के लिए पर्याप्त समय दिया गया है, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। लोग उन्हें अपनी सुविधा से बैंकों में जमा करा सकते हैं। पिछले अनुभव से सबक लेते हुए हमने इस बार ऐसी व्यवस्था की है कि लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।
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