राज एक्सप्रेस। क्रेडिट स्कोर पर आधारित होम लोन कमोबेश प्रीपर्टी पर लिए गए लोन यानी मॉर्टगेज लोन के जैसा ही होता है। बैंक कर्ज लेने वाले व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर को देखकर ही लोन देते हैं। इसमें बैंक या वित्तीय संस्था क्रेडिट हिस्ट्री के डेटा के आधार पर ही लोन की राशि का निर्धारण करते हैं। इसी लिए बेहतर क्रेडिट स्कोर हर उस शख्स के लिए अहम है, जो लोन लेना चाहता है। दरअसल इस स्कोर के आधार पर ही तय होता है कि कर्ज लेने वाला शख्स या कंपनी उपयुक्त है या नहीं। यह महज एक आंकडा भर नहीं है। इसके माध्यम से लोन जारी करने से पहले कोई भी वित्तीय संस्थान यह आकलन करने का प्रयास करता है कि आप इस लोन का भुगतान करने में सक्षम हैं या नहीं। कर्ज लेने वाले शख्स की रिपेमेंट कैपेसिटी के बारे में जानकर बैंक के लिए यह तय करना आसान हो जाता है कि आपने जो कर्ज लिया है। आप उसे आसानी से चुकाने की स्थिति में हैं।
जब कोई व्यक्ति होम लोन के लिए आवेदन करता है, तो कर्ज देने वाला बैंक या वित्तीय संस्थान लोन डिफॉल्ट होने के रिस्क को समझने के लिए उस व्यक्ति का मूल्यांकन करता है। वे इसके लिए उसकी इनकम, एंप्लॉयमेंट हिस्ट्री, लोन एमाउंट और इनकम, रिपेमेंट कैपेसिटी जैसे तमाम पहलुओं के साथ क्रेडिट स्कोर का आकलन करते हैं। हायर क्रेडिट स्कोर बताता है कि कर्ज मांगने वाले व्यक्ति को कर्ज देना कम जोखिम का काम है। जबकि लोअर क्रेडिट स्कोर किसी व्यक्ति की लोन चुकाने की असमर्थता की ओर इशारा करता है। लोअर क्रेडिट स्कोर पर वित्तीय संस्थान द्वारा महंगे लोन की पेशकश की जाती है।
लोन देने वाले विभिन्न बैंकों या वित्तीय संस्थानों के होम लोन के लिए अलग मानक और क्रेडिट स्कोर की जरूरत होती हैं। सभी मानकों पर खरा उतरने वाले शख्स को ही ये वित्तीय संस्थान होम लोन देने के लिए तैयार होते हैं। मिसाल के तौर वित्तीय संस्थान 700 क्रेडिट स्कोर वाले शख्स को भी होन लोन देने के लिए राजी हो सकता है। जबकि, इससे कम स्कोर वाले शख्स को वह उधार देने से इनकार कर सकता है। विभिन्न वित्तीय संस्थानों की शर्ते अलग हो सकती हैं। हायर क्रेडिट स्कोर होने की स्थिति में होम लोन के लिए अप्लाई करते समय कई फायदे भी मिल सकते हैं। पहला यह कि हायर क्रेडिट, लोन पास होने की संभावनाओं को बढ़ा देता है। यह कम ब्याज पर सस्ते लोन दिलाने में मदद कर सकता है जिससे पैसे की बचत की संभव है। जबकि लोअर क्रेडिट स्कोर के मामले में उसके उलट स्थिती हो जाती है। वित्तीय संस्थान महंगे लोन का ऑफर करते हैं। कई वे मना भी कर देते हैं या फिर ऐसा स्थिती में लोन ले पाना अधिक चुनौतीभरा हो जाता है।
लेकिन यह भी समझ लीजिए कि लोन स्वीकृत होने के लिए क्रेडिट स्कोर ही काफी नहीं है। लोन देने वाले बैंक या वित्तीय सस्थान इसके लिए अप्लाई कपने वाले शख्स की इनकम स्रोत, एंप्लॉयमेंट हिस्ट्री, आय में स्थिरता और हाल ही में लोन को चुकाने की हिस्ट्री जैसे तमाम फाइनेंशियल पहलुओं की भी समीक्षा करते हैं। अनुकूल शर्तों के साथ होम लोन हासिल करने के लिए समय पर बिलों का भुगतान करने, लोन को कम करने और नई क्रेडिट एन्क्वायरी से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसा करके आप होम लोन के लिए उपयुक्त कैंडिडेट बन सकते हैं। क्रेडिट रिपोर्ट संबंधी खामियों की नियमित रूप से निगरानी करने की भी सलाह दी जाती है। दरअसल क्रेडिट रिपोर्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
उल्लेखनीय है कि क्रेडिट स्कोर और होम लोन के लिए अलग-अलग बैंकों और वित्रीय संस्थानों के अपने मानक, शर्त और पॉलिसी हो सकते हैं, ऐसे लोन लेने का फैसला करने से पहले विभिन्न बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के लोन स्कीम की आपस में तुलना और बेहतर लोन ऑप्शन को तलाशने के लिए अपने फाइनेंशियल सलाहकार या वित्तीय संस्थाओं से परामर्श करना हमेशा एक अच्छा विचार होता है। आपकी सहूलियत के लिए बता दें कि 700 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों के लिए कुछ बैंक और वित्तीय सस्थाएं होम लोन पर कम ब्याज दर पर कर्ज दे रही हैं। इस लिए जब भी घर खरीदने के लिए कर्ज लेने की योजना बने तो उन बैंकों या वित्तीय संस्थाओं का चुनाव करें, जो कम ब्याज पर आपको होम लोन दे रही हैं।
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