मॉडेर्ना ने कहा है कि उसके पास साझा करने अतिरिक्त COVID-19 टीके नहीं हैं।  Social Media
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मॉडेर्ना, फाइजर कोविड वैक्सीन अगले साल भारत में आने की संभावना : रिपोर्ट

अमेरिकी दिग्गज फाइजर (Pfizer) 2021 में ही 5 करोड़ डोज देने के लिए तैयार है, लेकिन वह क्षतिपूर्ति सहित महत्वपूर्ण नियामक छूट चाहती है।

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • फाइजर 5 करोड़ डोज देने के लिए तैयार

  • सिंगल डोज वैक्सीन अगले साल : मॉडेर्ना

  • रूसी स्पुतनिक वी भी सरकार द्वारा अनुमोदित

  • मेड-इन इंडिया कोविशील्ड, कोवैक्सिन चलन में

राज एक्सप्रेस। मॉडेर्ना (Moderna) अगले साल भारत में एकल-खुराक COVID-19 वैक्सीन लॉन्च करने की उम्मीद कर रही है। उसकी अन्य भारतीय फर्मों के बीच सिप्ला के साथ बातचीत जारी है।

एक अन्य अमेरिकी दिग्गज फाइजर (Pfizer) 2021 में ही 5 करोड़ डोज देने के लिए तैयार है, लेकिन वह क्षतिपूर्ति सहित महत्वपूर्ण नियामक छूट चाहती है। सूत्रों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी।

मॉडेर्ना ने बताया -

सूत्रों के मुताबिक मॉडेर्ना ने भारतीय अधिकारियों को अवगत कराया है कि उसके पास 2021 में साझा करने के लिए अधिशेष टीके नहीं हैं। निकट भविष्य में जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा अमेरिका से अन्य देशों में अपने टीके निर्यात करने की सीमित संभावनाएं हैं।

बैठकों का दौर -

वैश्विक और घरेलू बाजारों में टीकों की उपलब्धता पर पिछले सप्ताह कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में दो दौर की उच्च स्तरीय बैठकें हुईं। जब देश COVID-19 की अभूतपूर्व दूसरी लहर और आपूर्ति और आवश्यकता के बीच एक व्यापक अंतर से जूझ रहा है ऐसे समय में कोविड वैक्सीन की खरीद की तत्काल आवश्यकता पर बैठकों में मंथन हुआ।

मेड इन इंडिया वैक्सीन -

वर्तमान में, देश अपनी अरबों से अधिक आबादी को टीका लगाने के लिए दो "मेड-इन इंडिया" वैक्सीन्स कोविशील्ड और कोवैक्सिन का उपयोग कर रहा है। इसमें जनवरी के मध्य में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से 20 करोड़ खुराक का प्रबंधन किया गया है।

एक तीसरा वैक्सीन, रूस में निर्मित स्पुतनिक वी (Sputnik V), सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है और वर्तमान में छोटे पैमाने पर इसका उपयोग किया जा रहा है।

उच्च स्तरीय बैठक में विदेश मंत्रालय, नीति आयोग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, कानून मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।

मॉडेर्ना का सिंगल डोज प्लान -

यह चर्चा की गई कि मॉडेर्ना के पास 2021 में साझा करने के लिए अधिशेष टीके नहीं हैं। वह केवल 2022 में भारतीय बाजार के लिए अपनी एकल-खुराक वैक्सीन (single-dose vaccine) लॉन्च करने की योजना बना रही है।

एक सूत्र के मुताबिक मॉडेर्ना इस योजना के लिए सिप्ला और अन्य भारतीय कंपनियों के साथ चर्चा कर रही है।

5 करोड़ खुराक -

यह पता चला है कि सिप्ला (Cipla) ने मॉडेर्ना से 2022 के लिए 5 करोड़ खुराक खरीदने में रुचि दिखाई है। उसने नियामक आवश्यकताओं/नीति व्यवस्था में स्थिरता के संबंध में केंद्र सरकार से पुष्टि का अनुरोध किया है।

मॉडेर्ना टीकों की खरीद के लिए उनके द्वारा आवश्यक सहायता के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय को भी सिप्ला के अनुरोध पर जल्द फैसला लेने को कहा गया है।

फाइजर (Pfizer) के संकेत -

फाइजर के मामले में, यूएस फार्मा दिग्गज ने 5 करोड़ वैक्सीन खुराक की उपलब्धता का संकेत दिया है। उसने भारत को आपूर्ति के लिए जुलाई में 1 करोड़, अगस्त में 1 करोड़, सितंबर में 2 करोड़ और अक्टूबर में 1 करोड़ वैक्सीन्स की उपलब्धता सुनिश्चित की है।

उसकी शर्त है कि; वह केवल भारत सरकार के साथ व्यवहार करेगी और टीकों के लिए भुगतान भारत सरकार (GOI) द्वारा फाइजर इंडिया (Pfizer India) को करना होगा।

घरेलू बाजार में खरीदे गए टीकों के आगे चैनलाइजेशन के लिए केंद्र सरकार अपनी व्यवस्था करेगी। एक अन्य सूत्र के अनुसार भारत को टीकों की आपूर्ति के लिए फाइजर ने सरकार से क्षतिपूर्ति मांगी है। इस संबंध में फाइजर इंक (Pfizer Inc) से एक दस्तावेज प्राप्त हुआ है।

इसके अलावा, फाइजर ने अनुमोदन के बाद ब्रिजिंग परीक्षणों की आवश्यकता में छूट सहित सीडीएल (केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला) में उनके टीकों के परीक्षण की आवश्यकता के बारे में नियामक व्यवस्था में कुछ छूट की भी मांग की है।

सूत्रों के मुताबिक यदि कंपनी को क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए विचार किया जाता है, तो अन्य कंपनियों द्वारा भी इसी तरह की मांग की जा सकती है।

फाइजर का दावा -

फाइजर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया के लगभग 116 देशों ने क्षतिपूर्ति दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइजर की 14.7 करोड़ से अधिक खुराक दुनिया भर में प्रतिकूल प्रभावों की किसी भी महत्वपूर्ण रिपोर्ट के बिना प्रदान की गई है।

संयुक्त सचिव स्वास्थ्य का जवाब -

सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राज्यों द्वारा मॉडेर्ना और फाइजर से सीधे टीके खरीदने में असमर्थ होने के एक सवाल के जवाब में संयुक्त सचिव स्वास्थ्य ने जवाब दिया है।

"फाइजर हो या मॉडेर्ना, केंद्र स्तर पर हम उनके साथ समन्वय कर रहे हैं।"
लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, फाइजर और मॉडेर्ना दोनों की ऑर्डर बुक भरी हुई हैं, इसलिए यह उनके अधिशेष पर निर्भर करता है कि वे भारत में कितना प्रदान कर सकते हैं ... वे केंद्र में वापस आएंगे और हम राज्यों को सुविधा प्रदान करने में मदद करेंगे।"

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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