इंडोनेशिया (Indonesia) और मलेशिया (Malaysia) का वैश्विक पाम तेल (palm oil) आपूर्ति में आधे से अधिक का योगदान है। Neelesh Singh Thakur - RE
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Palm Oil: पाम तेल निर्यात प्रतिबंध कैसे प्रभावित करेगा, भारत को कितनी चिंता करनी चाहिए?

Ukraine-Russia संकट बीच Indonesia में पाम तेल (Palm Oil) निर्यात पर लागू प्रतिबंध से खाद्य तेल (Edible Oil) की कीमत में वृद्धि का अनुमान है।

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

  • Indonesian palm oil निर्यात पर प्रतिबंध

  • दिग्गज FMCG कंपनियों की फूल रही सांस

  • रसोई-होटल, खाद्य उत्पाद, साबुन-शैंपू पर असर

  • Unilever, Nestle, Proctor & Gamble जद में

राज एक्सप्रेस (rajexpress.co)। सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला खाद्य तेल (edible oil) पाम तेल, जिसका कच्चा माल व्यापक रूप से सौंदर्य प्रसाधन से लेकर केक तक के उत्पादों में उपयोग किया जाता है; के निर्यात (Exports) पर दुनिया के शीर्ष पाम तेल (palm oil) उत्पादक देश इंडोनेशिया (Indonesia) ने रोक लगाई है।

वैश्विक पाम तेल आपूर्ति (global palm oil supply) -

इंडोनेशिया (Indonesia) और मलेशिया (Malaysia) का वैश्विक पाम तेल (palm oil) आपूर्ति में आधे से अधिक का योगदान है। इस निर्यात प्रतिबंध के कारण खाद्य तेल महंगा हो रहा है जबकि एफएमसीजी उत्पादों की लंबी श्रृंखला पर इसका असर पड़ेगा। पाम तेल निर्यात प्रतिबंध के कारण कई देशों में महंगाई बढ़ गई है।

इंडोनेशिया (Indonesia) के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) ने यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के आक्रमण के बाद घर पर खाद्य उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने बढ़ती मुद्रास्फीति (inflation) का हवाला देते हुए पाम तेल (palm oil) पर निर्यात प्रतिबंध (export ban) लगाया है। इस कदम से वैश्विक मुद्रास्फीति (global inflation) को अवांछित धक्का देने और खाद्य तेल (edible oil) की कीमतों में वृद्धि का अनुमान है।

क्या भारत (BHARAT/India) को चिंता करनी चाहिए?

भारत वनस्पति तेल (vegetable oil) का सबसे बड़ा आयातक है। आने वाले महीनों में कमी के डर से पाम तेल की कीमतों में सप्ताहांत में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

भारत (India), बांग्लादेश (Bangladesh) और पाकिस्तान (Pakistan) जैसे देश मुश्किल में हैं क्योंकि वे ज्यादातर पाम तेल (palm oil) इंडोनेशिया (Indonesia) से आयात करते हैं। जबकि दूसरे बड़े निर्यातक मलेशिया (Malaysia) में इंडोनेशिया द्वारा बनाए गए अंतर को भरने की संभावना नहीं है।

जैसा कि रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, भारत (India) अपने पाम तेल (palm oil) का लगभग आधा इंडोनेशिया (Indonesia) से आयात करता है, जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश (Pakistan and Bangladesh) लगभग 80 प्रतिशत आयात करते हैं। भारत की तरह पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी कीमतें बढ़ी हैं।

“इंडोनेशियाई पाम तेल (Indonesian palm oil) के नुकसान की भरपाई कोई नहीं कर सकता। हर देश को भुगतना पड़ रहा है।"
अब्दुल रशीद जानमोहम्मद, अध्यक्ष, पाकिस्तान एडिबल ऑयल रिफाइनर्स एसोसिएशन (PEORA)

28 अप्रैल अहम -

काला सागर (Black Sea) क्षेत्र से सूरजमुखी तेल (sunflower oil ) की आपूर्ति में व्यवधान को देखते हुए इस प्रकार बनाई गई कमी का महत्व है।

इंडोनेशिया (Indonesia) ने 28 अप्रैल तक लोडिंग की अनुमति दी है लेकिन खपत करने वाले देशों को मई के पहले पखवाड़े के बाद कमी का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रेड बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए/SEA) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने इस कदम को अप्रत्याशित बताया और कहा कि निर्यात प्रतिबंध से भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर ग्राहकों को नुकसान होगा। व्यापार निकाय ने सरकार से इंडोनेशिया के साथ तत्काल सरकार-से-सरकार वार्ता शुरू करने का भी आग्रह किया है।

“इसका हमारे घरेलू बाजार पर गंभीर असर होगा क्योंकि हमारे कुल पाम तेल का आधा आयात इंडोनेशिया से होता है और कोई भी इस कमी को पूरा नहीं कर सकता है।"
बीवी मेहता, महानिदेशक, एसईए (SEA) (पीटीआई/PTI की एक रिपोर्ट में उल्लेख)

उन्होंने कहा कि, मलेशिया, भारत के प्रमुख वैकल्पिक स्रोतों में से एक है जो तेल की कीमतों में वृद्धि को समाप्त कर देगा।

भारत की जरूरत -

रिपोर्ट के अनुसार भारत (India) सालाना 22.5 मिलियन टन खाद्य तेल (edible oil) की खपत करता है, जिसमें से 9 से 9.5 मिलियन टन घरेलू आपूर्ति और बाकी आयात से पूरा किया जाता है। भारत द्वारा सालाना लगभग 3.5 से 4 मिलियन टन पाम तेल (palm oil) इंडोनेशिया (Indonesia) से आयात किया जाता है।

एफएमसीजी कंपनियां (FMCG companies) -

कमजोर आपूर्ति और बढ़ती मांग के कारण कच्चे पाम तेल (crude palm oil) की वैश्विक कीमतें भी ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई हैं।

इससे फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (Fast-moving consumer goods/FMCG) यानी जल्द चलन वाली उपभोक्ता सामग्री से जुड़ी कंपनियों (FMCG companies) जैसे यूनिलीवर (Unilever), नेस्ले (Nestle), प्रॉक्टर एंड गैंबल (Proctor & Gamble), मोंडेलेज इंटरनेशनल (Mondelez International) आदि के प्रभावित होने की संभावना है।

FMCG कंपनियों की जरूरत -

यूनिलीवर (Unilever) ने 2016 में कहा था कि उसने लगभग 1 मिलियन टन कच्चे पाम तेल (crude palm oil) और उसके डेरिवेटिव का इस्तेमाल किया, जबकि नेस्ले (Nestle) ने 453,000 टन पाम तेल (palm oil) और पाम कर्नेल तेल (palm kernel oil) खरीदा। यह खरीद ज्यादातर इंडोनेशिया और मलेशिया से हुई।

प्रॉक्टर एंड गैंबल (Proctor & Gamble) ने अपने वित्त वर्ष 2021 में लगभग 605,000 टन पाम तेल और पाम कर्नेल तेल और उनके डेरिवेटिव का इस्तेमाल किया। जबकि मोंडेलेज (Mondelez) ने कहा कि वह 'बड़ी मात्रा में' पाम तेल खरीदता है।

पर्सनल केयर कंपनी लोरियल (L'Oreal) ने 2021 में कहा कि उसने लगभग 310 टन पाम ऑयल खरीदा और 71,000 टन के बराबर पाम डेरिवेटिव (palm derivatives) का भी इस्तेमाल किया।

FMCG और HoReCa -

FMCG और HoReCa यानी होटल, रेस्तरां और कैटरर्स उद्योगों के लिए पाम ऑयल एक प्रमुख कच्चा माल है, जिससे खाद्य उत्पादों के अलावा साबुन और शैंपू जैसे उत्पादों में वृद्धि हो सकती है।

कुछ उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध : रुचि सोया

भारत वनस्पति तेलों (vegetable oils) का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है और विशेष रूप से इंडोनेशियाई नीति परिवर्तनों से जोखिम में है।

रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( Ruchi Soya Industries Ltd) के अनुसार, शीर्ष उत्पादक इंडोनेशिया ने स्पष्ट किया कि वह पूर्ण प्रतिबंध के बजाय केवल पाम तेल के कुछ उत्पादों के निर्यात को रोकेगा, इससे भारत में खाद्य तेल उद्योग को एक तरह से बड़ी राहत मिली है।

इंडोनेशिया ने शुक्रवार को कहा कि वह खाना पकाने के तेल के सभी निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा, कुछ दिनों बाद यह स्पष्ट करने से पहले कि यह केवल आरबीडी पाम ओलिन पर लागू होता है, न कि कच्चे पाम तेल पर, एक ऐसा कदम जिसने बाजार में अनिश्चितता की स्थिति से जुड़ी चर्चाओं को जन्म दिया।

"हम स्पष्टीकरण के साथ अब बहुत सहज हैं, मुझे आगे आने वाली किसी समस्या का अनुमान नहीं है।"
संजीव अस्थाना, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रुचि सोया (ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में कहा)

रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( Ruchi Soya Industries Ltd) कंपनी भारत में खाना पकाने के तेल और तिलहन प्रोसेसर के सबसे बड़े उपक्रमों में से एक है।

पाम ओलिन पर प्रतिबंध इंडोनेशिया के पाम के तेल के शिपमेंट का 30% से 40% है, जो शुरू में आशंका से कम था। इसके बाद भी दुनिया के लिए इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं क्योंकि देश में वैश्विक वनस्पति तेल व्यापार का एक तिहाई हिस्सा है।

विश्व खाद्य कीमतें पहले से ही रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं और यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध से बड़े पैमाने पर अराजकता के बाद खाद्य आपूर्ति में एक और व्यवधान पैदा कर सकता है।

भारत में बढ़ती कीमतें -

भारत में खाद्य तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे सरकार नोटिस में आ गई है। अधिकारियों ने आयात शुल्क समाप्त कर दिया है और जमाखोरी पर रोक लगा दी है, लेकिन कीमतें लगातार चढ़ती रहीं। फरवरी के अंत में यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध शुरू होने के बाद से नई दिल्ली (New Delhi) में खाद्य तेलों (edible oils) की स्थानीय कीमतों में 17% की वृद्धि हुई है।

यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) की कार्रवाई ने दोनों देशों से वनस्पति तेल की आपूर्ति को प्रभावित किया जो लगभग 80% कार्गो जहाज सूरजमुखी तेल उत्पन्न करते हैं।

एक राय यह भी है कि भारत प्रभावित सूरजमुखी तेल की आपूर्ति को सोयाबीन तेल से पाट भी सकता है। सर्दियों में बोई जाने वाली यह एक बड़ी फसल भारत में खाना पकाने के तेल की उपलब्धता को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकती है।

आगामी माह चुनौती भरे -

फिर भी यदि रूस-यूक्रेन संघर्ष अधिक समय तक जारी रहता है तो अगले तीन से चार महीनों के दौरान तेल की आपूर्ति एक चुनौती होगी।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत ने मार्च में समाप्त पांच महीनों में इंडोनेशिया से लगभग 500,000 टन कच्चे पाम तेल का आयात किया, जबकि आरबीडी पाम ओलिन (RBD palm olein) की खरीद कुल 475,000 टन हुई।

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