HDFC- HDFC Bank Merger : पिछले सालों में बहुत सी भारतीय कंपनियों और बैंकों ने अन्य कंपनियों और बैंकों के साथ कई अधिग्रहण और विलय किये हैं। कई बार किसी एक बैंक या कंपनी की आर्थिक हालात खराब होती है। जिसके कारण उसका विलय दूसरे बैंक में कर दिया जाता है। इस विलय से दोनों ही कंपनियों को काफी लाभ पहुँचता है। वहीं, अब हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और प्राइवेट सेक्टर के बहुचर्चित HDFC बैंक का विलय होने जा रहा है। जिसके लिए विलय के प्रस्ताव को शेयर बाजारों द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
HDFC और HDFC बैंक का विलय :
दरअसल, कई लोग सोचते हैं हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक एक ही है, लेकिन बता दें, यह दोनों ही संस्थाएं अलग-अलग हैं और इनके कार्य भी अलग-अलग है। हालांकि, अब इन दोनों के विलय के बाद यह एक हो जाएंगे। हालांकि, दोनों अपना अपना काम करेंगे। इस विलय के प्रस्ताव को शेयर बाजारों द्वारा मंजूरी मिल गई है। इस मर्जर के तहत HDFC को HDFC बैंक में 41% की हिस्सेदारी मिलेगी। बता दें, देश के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा विलय होगा। शेयर बाजार के दोनों इंडेक्स से HDFC और HDFC बैंक को अनापत्ति (नो ऑब्जेक्शन) मिल गई है। इसका सीधा मतलब यह है कि, अब इन दोनों का मर्जर होकर रहेगा। इस मामले में HDFC बैंक ने जानकारी दी है।
HDFC बैंक द्वारा दी गई जानकारी :
बताते चलें, HDFC बैंक ने जानकारी देते हुए बताया है कि, बैंक को BSE लिमिटेड से 'किसी भी प्रतिकूल टिप्पणी के बिना' ऑब्जर्वेशन लेटर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड से 'नो ऑब्जेक्शन’ के साथ ऑब्जर्वेशन लेटर मिल गया है। यह योजना अन्य बातों के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और योजना में शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से मंजूरी सहित विभिन्न वैधानिक और नियामक अनुमोदनों के अधीन है।'
40 अरब डॉलर की है यह डील :
जानकारी के लिए बता दें, देश की सबसे बड़ी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक के विलय का फैसला 4 अप्रैल को लिया गया था। उस समय हुई बोर्ड मीटिंग में HDFC को HDFC बैंक में विलय की मंजूरी दे मिल गई थी। इसके बाद लगभग 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण डील को शेयर बाजार से मंजूरी मिलने का इंतज़ार था। प्रस्तावित इकाई का कंबाइंड एसेट बेस लगभग 18 लाख करोड़ रुपये बताया जा रहा है। विलय के वित्त वर्ष 24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है, जो रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन है। यह डील प्रभाव में आने के बाद HDFC बैंक 100% सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा और HDFC के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41% हिस्सा आ जाएगा।
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