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जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू, टैक्सफ्री हो सकती है कैंसर की दवा, थिएटर में खाद्य सामग्री पर घट सकती है जीएसटी

जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक आज दिल्ली में होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें कई चीजों पर टैक्स की दरों में कटौती की जा सकती है

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 50वीं बैठक आज यानी 11 जुलाई को दिल्ली में शुरू हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें कई चीजों पर टैक्स की दरों में कटौती की जा सकती है और कैंसर की दवाओं को पूरी तरह से कर मुक्त किया जा सकता है। माना जा रहा है कि आज की बैठक में सिनेमाघरों में मिलने वाली खाद्य सामग्री पर और ड्रिंक्स पर जीएसटी की दर घटाई जा सकती है। इससे साथ ही कैंसर की दवाओं को भी टैक्स के दायरे से बाहर निकाला जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि काउंसिल सिनेमाघरों में सर्व किए जाने वाले फूड आइटम्स और ड्रिंक्स पर मौजूदा समय में लगने वाली जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर सकती है।

कैंसर की दवा को जीएसटी से मुक्त करने की मांग

मना जा रहा है कि इस बैठक में कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब को टैक्स के दायरे से बाहर करने का ऐलान किया जा सकता है। फिटमेंट कमेटी का कहना है जिस दवा की कीमत 26 लाख हो और इसे खरीदने के लिए क्राउड फंडिंग की मदद से जरूरी पैसा जुटाया जाता हो, उसे जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स इस पर अपनी सहमति जता चुके हैं। हालांकि गोवा ने इस पर 18 फीसदी टैक्स रखने का सुझाव दिया है। इस दवाई पर अभी 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है।

इन पर भी है टैक्स कम करने का प्रस्ताव

फिटमेंट कमेटी में केंद्र और अलग-अलग राज्यों के टैक्स ऑफिसर शामिल हैं। इस कमेटी ने जीएसटी काउंसिल से कई और सिफारिशें की हैं। खास मेडिकल जरूरतों और इलाज के लिए इम्पोर्ट होने वाले प्रोडक्ट और दवाओं को भी जीएसटी के दायरे से बाहर किया जा सकता है। सैटेलाइट लॉन्चिंग सर्विस देने वाली प्राइवेट कंपनियों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जा सकता है और सेस 22 फीसदी करने की मांग है।

ऑनलाइन गैमिंग, घुड़दौड़ और कसीनों पर बढ़ सकती है कर की दर

जीएसटी काउन्सिल की बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि किसानों द्वारा कोआपरेटिव सोसाइटी को बेचे जाने वाले कपास पर जीएसटी लगेगा या नहीं। जीएसटी परिषद ऑनलाइन गैमिंग, घुड़दौड़ और कसीनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला सुना सकती है। इसके साथ ही, मल्टी यूटिलिटी व्हीकल, पापड़, फ्लेक्स फ्यूल पान मसाला और तंबाकू पर जीएसटी का पुनर्निर्धारण किया जा सकता है।

जून 2023 में हुआ 1.61 लाख करोड़ जीएसटी कलेक्शन

केंद्र सरकार ने जून 2023 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से 1.61 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सालाना आधार पर इसमें लगभग 12 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है । पिछले साल जून 2022 में 1.44 लाख करोड़ रुपए का जीएससटी संग्रह किया गया था। वहीं, इसके एक माह पहले मई 2023 में ये 1.57 लाख करोड़ रुपए रहा था। वित्त मत्रांलय के अनुसार, इस जीएसटी कलेक्शन में सीजीएसटी के रूप में 31,013 करोड़ रुपए, एसजीएसटी से 38,292 करोड़ रुपए और आईजीएसटी के रूप में 80,292 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया गया है।

2022-23 में 22 फीसदी ज्यादा रहा जीएसटी कलेक्शन

पूरे फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की बात की जाए तो इसमें टोटल 18.10 लाख करोड़ रुपए जीएसटी कलेक्शन किया गया था। इसके आधार पर हर महीने जीएसटी कलेक्शन का औसत 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा। जबकि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में जीएसटी का ग्रॉस रेवेन्यू, इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा रहा। उल्लेखनीय है कि जीएससटी एक अप्रत्यक्ष कर है। इसे वैराइटी ऑफ प्रीवियस इनडायरेक्ट टैक्स (वैट), सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और कई इनडायरेक्ट टैक्स को रिप्लेस करने के लिए 6 साल पहले 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 फीसदी के चार कर स्लैब हैं। जबकि, गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी के लिए 3 फीसदी टैक्स निर्धारित किया गया है।

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