Rajeev jain Social Media
व्यापार

फोर्ब्‍स रिच लिस्‍ट में पहली बार शामिल हुए जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन, जिरोधा के नितिन और निखिल कामथ

फोर्ब्‍स बिलेनियर लिस्‍ट में पहली बार जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन का नाम जुड़ गया है। इस सूची में जिरोधा के प्रमोटर नितिन और निखिल कामथ भी शामिल हैं।

Author : Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। फोर्ब्‍स की बिलेनियर लिस्‍ट में कई ऐसे नाम हैं, जो पहली बार अरबपति बने हैं। इस सूची में जीक्यूजी पार्टनर्स के को-फाउंडर और चैयरमैन राजीव जैन का नाम भी जुड़ गया है। फोर्ब्‍स के अनुसार राजीव जैन की मौजूदा संपत्ति 200 करोड़ डॉलर है। राजीव जैन का नाम आपके लिए अपरिचित नहीं होगा। राजीव जैन वही शख्स हैं, जिन्होंने पिछले माह संकट में फंसे अडाणी समूह की संपनियों में 15446 करोड़ रुपये निवेश कर बाजार के जानकारों को चौंका दिया था। उनके इस हस्तक्षेप से उन्हें एक माह में 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिला है। है। फोर्ब्स की इस सूची में देश की सबसे बड़ी आनलाइन स्टाक ब्रोकर फर्म जिरोधा की शुरूआत करने वाले नितिन और निखिल कामथ का नाम भी शामिल है। फोर्ब्स ने इस बार अपनी सालाना बिलिनेयर्स लिस्ट में कुल 2,640 लोगों को जोड़ा है, जो पिछले साल की तुलना में 28 कम हैं। इस दौरान फोर्ब्स ने 150 नए सदस्यों को शामिल किया, जिन्होंने इस साल कारोबारी जगत में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपने लिए सम्मानजनक स्थान निर्मित किया है।

नितिन-निखिल ने 2010 में की थी जिरोधा की शुरूआत

निल्लेखनीय है कि बिलिनेयर सूची में इस बार स्थान बनाने लोगों में सबसे ज्यादा कारोबारियो ने फाइनेंस सेगमेंट में पैसा बनाया है। इन लोगों में जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन के अलावा नितिन और निखिल कामथ भी शामिल हैं, जिन्होंने 2010 में जिरोधा के नाम से आनलाइन ब्रोकरेज कंपनी की शुरुआत की। 13 साल पहले शुरू की गई यह कंपनी इस समय 6.5 मिलियन एक्टिव ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी आनलाइन स्टाक ब्रोकर फर्म है। कंपनी ने पिछले 13 सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है। दोनों भाइयों के पास क्रमशः 2.7 और 1.1 बिलियन डालर संपत्ति है। इस बार इस सूची में भारतीय मूल के निवेश कारोबारी राजीव जैन का भी नाम इस सूची में जुड़ गया है, जो अपनी दो अरब डालर संपत्ति के साथ अमेरिका में फ्लोरिडा स्थित अपने हेडक्वार्टर से जीक्यूजी पार्टनर्स नाम ऐसेट मैनेजमेंट फर्म चलाते हैं। हाल ही में उन्होंने अडाणी समूह में बड़े पैमाने पर निवेश कर चर्चा बटोरी है।

जीक्यूजी ने अडाणी समूह में किया 15446 करोड़ निवेश

राजीव जैन ने अडाणी समूह की कंपनियों अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनामिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी इंटरप्राइजेज कंपनियों में निवेश किया है। इनमें उन्‍होंने ब्‍लॉक डील के जरिए करीब 200 करोड़ डॉलर यानी 15446 करोड़ रुपये लगाए थे। यही नहीं उन्‍होंने एक बार फिरा अडाणी समूह की कंपनियों पर भरोसा जताया है। उनका कहना है कि अडाणी समूह की जिन कंपनियों में उन्‍होंने पैसा लगाया है, उनके शेयर मल्‍टीबैगर साबित होंगे। ब्‍लूमबर्ग को एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि उनका जो पैसा अडानी ग्रुप स्‍टॉक्‍स में लगा है, उससे उनको 5 साल में 100 फीसदी रिटर्न मिलने का भरोसा है।

2016 में की थी जीक्यूजी पार्टनर्स की शुरुआत

राजीव जैन भारतीय मूल के कारोबारी हैं। अभी वे फोर्ट लॉडरडेल से काम करते हैं। 1990 में वह फाइनेंस एंड इंटरनेशनल बिजनस में एमबीए करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी गए थे। राजीव जैन ने सन 2016 में जीक्यूजी पार्टनर्स की शुरुआत की थी। इससे पहले वह स्विस कंपनी वोंटोबेल एसेट मैनेजमेंट में को-चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर, चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर और हेड ऑफ इक्विटीज़ के तौर पर भी काम किया है। उन्‍होंने करीब 23 साल तक निवेश का अनुभव लेने के बाद जीक्यूजी पार्टनर्स की शुरुआत की थी। जीक्यूजी पार्टनर्स दुनिया की प्रमुख ग्लोबल एंड एमर्जिंग मार्केट्स इनवेस्टर्स फर्म है और राजीव जैन इस कंपनी के चेयरमैन हैं। राजीव जैन की ये कंपनी अब तक करीब 92 अरब डॉलर की वैल्यू से भी ज्यादा के क्लाइंट असेट्स मैनेज कर चुकी है।

फ्लोरिडा में है जीक्यूजी पार्टनर्स का हेडक्वार्टर

राजीव जैन की कंपनी जीक्यूजी ऑस्ट्रेलिया के सिक्योरिटीज एक्सचेंज पर लिस्टेड है। इसका हेडक्वार्टर अमेरिका के फ्लोरिडा में है। वहीं कंपनी के दफ्तर न्यूयॉर्क, लंदन, सिएटल और सिडनी में स्थित हैं। यह एक असेट मैनेजमेंट फर्म है, जो उभरते बाजारों में निवेश करती है। राजीव जैन का कहना है कि अडाणी समूह की वैल्‍यू उसकी एसेट्स में दिखती है। भारत सरकार भी देश के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार करने और चीन जैसे देशों से मैन्‍युफैक्‍चरिंग को आकर्षित करने के लिए अडानी जैसे टाइकून की ओर देख रही है। अडाणी समूह की कई परियोजनाएं भारत के विकास के लक्ष्यों और अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों से जुड़ी हैं। विशेष रूप से, जैन ने अडानी की कोल माइनिंग एसेट्स, उनके डाटा सेंटर्स और मुंबई के व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में उनकी अधिकांश हिस्सेदारी को एक हेल्‍दी बिजनेस बताया है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT