Government will start a campaign to provide employment to laborers Social Media
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प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार शुरू करेगी अभियान

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लगे लॉकडाउन के चलते लाखों-करोड़ों प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए, केंद्र सरकार ने इन बेरोजगार लोगों को नौकरी मुहैया कराने के मकसद से एक अभियान शुरू करने का ऐलान किया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लगे लॉकडाउन के चलते लाखों-करोड़ों प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर के लिए गांव लौट गए हैं। यह सभी बेरोजगार हो गए और न जाने भारत में कितने लोग लॉकडाउन के कारण ही बेरोजगार हो गए। इन हालातों में ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए भारत की केंद्र सरकार ने इन बेरोजगार लोगों को नौकरी मुहैया कराने के मकसद से एक अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। चलिए विस्तार से जानें सरकार इस अभियान के तहत क्या करने वाली है।

केंद्र सरकार का अभियान :

दरअसल, सरकार ने गरीबों को नौकरी दिलवाने के मकसद से जो अभियान शुरू किया है, उसे सरकार ने 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' नाम दिया है। सरकार इस अभियान की शुरुआत 20 जून से बिहार में करेगी। इस अभियान का शुभारंभ करने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार पहुंचेंगे। बताते चलें, अभियान से जुड़ी जानकारी एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है। साथ ही उन्होंने बताया कि, सरकार द्वारा पूरे देश में 116 जिलों की पहचान की गई है। यह ऐसे राज्य हैं जिनमें बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापस लौटे हैं। इन राज्यों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

मनरेगा का बजट :

वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि, जिन राज्यों में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में घर लौटे हैं, उनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं। अब यह सरकार की पहली प्राथमिकता होगी कि, उन प्रवासियों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसलिए सरकार ने इस अभियान की शुरुआत की है। वहीं, साथ ही सरकार ने आत्मनिर्भरत भारत पैकेज में मनरेगा का बजट एक लाख एक हजार करोड़ रूपये कर दिया है जो कि, पहले 40 हजार करोड़ रूपये ही था।

अभियान की शुरुआत :

वित्त मंत्री ने बताया कि, प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत 20 जून से करेगी और इसे लगातार 125 दिनों तक लागू रखा जाएगा। इस अभियान के तहत सरकार ने 25 स्कीम शामिल करेगी। जिससे सरकार प्रवासी मजदूरों की मदद लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर में मजबूती लाएगी। वहीं सरकार ने इस अभियान का बजट 50 हजार करोड़ रूपये का तय किया है। बताते चलें, सरकार द्वारा कामगारों को उनके स्किल और योग्यता के हिसाब से इन 25 स्कीम में से किसी में भी काम दिया जाएगा।

अभियान के तहत कार्य :

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि, सरकार ने अभियान लागू करने से पहले स्किल मैपिंग भी की है। इसके अनुसार ही 25 हजार मजदूरों को अभियान के तहत दिया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत सरकार कम्युनिटी सैनिटाइजेशन कॉम्पलेक्स, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग के फंड के अंतर्गत आने वाले काम, नैशनल हाइवे वर्क्स, जल संरक्षण और सिंचाई, कुएं की खुदाई, पौधारोपण, हॉर्टिकल्चर, आंगनवाड़ी केंद्र, पीएमआवास योजना (ग्रामीण), पीएम ग्राम संड़क योजना, रेलवे, श्यामा प्रसाद मुखर्जी RURBAN मिशन, पीएम KUSUM, भारत नेट के फाइबर ऑप्टिक बिछाने, जल जीवन मिशन जैसे काम इन मजदूरों से कराएगी।

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