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एथेनाल उत्पादन में दिक्कत न हो इस लिए बाजार से एमएसपी पर मक्का खरीदेंगे एनसीसीएफ और नाफेड

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं।

  • केंद्र चीनी के मूल्य बढ़ने नहीं देना चाहता।

  • गन्ना रस पर रोक, शीरे से एथनाल बनता रहेगा।

राज एक्सप्रेस । पिछले साल के मुकाबले अक्टूबर-सितंबर सीजन में लगभग 40 लाख टन कम चीनी उत्पादन होने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने गन्ने के रस से एथेनाल बनाने पर रोक लगा दी है। अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, इस लिए सरकार किसी भी सूरत में चीनी के मूल्य बढ़ने नहीं देना चाहती। सरकार का मानना है कि एथेनाल उत्पादन में गन्ने का रस इस्तेमाल नहीं करने से घरेलू स्तर पर चीनी का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा और मूल्य स्थर बने रहेंगे।

एथनाल उत्पादन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बाद सरकार ने हर साल कम से कम एक लाख टन मक्के की खरीदारी करने का निर्णय लिया है, ताकि डिस्टलरियों में एथनाल का उत्पादन प्रभावित नहीं हो। इस बीच सरकार ने एथनाल उत्पादन के लिए मक्के को प्रमुख माध्यम बनाने का निर्णय लिया है। पिछले सप्ताह खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग से जुड़ी मंत्रियों की समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

नेशनल कोपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) और नेशनल एग्रीकल्चर कोपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नाफेड) अगले तीन साल तक मक्के की खरीदारी करेंगी। खरीदारी इस साल से ही शुरू कर दी जाएगी। नेफेड व एनसीसीएफ खुले बाजार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्के की खरीदारी करेंगी, ताकि एथनाल का उत्पादन प्रभावित नहीं हो।

उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गन्ने के रस से एथनाल बनाने पर लगाई गई रोक स्थायी नहीं है। इसकी लगातार समीक्षा की जाएगी और जब इसका चीनी उत्पादन पर असर पड़ता नहीं दिखेगा, तो फिर से अनुमति दे दी जाएगी। हालांकि, शीरे से एथनाल का उत्पादन जारी रहेगा।

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