राज एक्सप्रेस। अब तक जब भी आपने कैब सर्विस प्रदाता कंपनियों Ola और Uber की कैब में सवारी की होगी, तब तब ड्रॉवर ने अपने मुताबिक आपसे बिल का भुगतान कराया होगा, लेकिन अब इन कैब कंपनियों को यह किराया सरकार की मर्जी के मुताबिक लेना होगा। जी हां, सरकार ने कैब कंपनियों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं।
कैब ड्राइवरों के लिए सरकार के नए निर्देश :
दरअसल, देश में लॉकडाउन खुलने के बाद से लगातार ऐसी शिकायतें आरही थीं कि, कैब चालक मनमर्जी का किराया ग्राहकों से वसूल रहे हैं। खास तौर पर एग्रीगेटर कंपनियां पीक आवर्स के दौरान किराए में कई गुना की बढ़ोतरी करके किराया वसूल रहीं थीं। इस समस्या को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने शुक्रवार को भारत में कैब का संचालन कर रही एग्रीगेटर कंपनियों को पर मांग बढ़ने पर किराए बढ़ाने की एक सीमा लगा दी है। सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक, Ola और Uber जैसी कैब कंपनियां अपने ग्राहकों से किराए के डेढ़ गुने से अधिक किराया नहीं वसूल सकेंगी।
काफी समय से आरही शिकायतें :
बताते चलें, कैब प्रदाता कंपनियों के खिलाफ ज्यादा किराया वसूलने की शिकायतें पिछले काफी समय से आरही थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद से इन शिकायतों में काफी इकजाफा हुआ था। इसलिए सरकार को इन कंपनियों के खिलाफ यह कदम उठाना पड़ा। हालांकि, भारत में Ola और Uber जैसी कैब कंपनियों को लेकर इस तरह के निर्देश सरकार ने पहली बार ही जारी किए हैं।
कुछ इस प्रकार हैं नए नियम :
बताते चलें, केंद्र सरकार ने एग्रीगेटर को रेगुलेट करने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं। जिन्हें राज्य सरकारों को अनिवार्य रूप से मानना ही होगा। सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार,
एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50% कम चार्ज करने की अनुमति होगी।
कैंसिलेशन फीस कुल किराए का 10% होगा। जो राइडर और ड्राइवर दोनों के लिए 100 रुपए से अधिक नहीं होगा।
ड्राइवर को अब ड्राइव करने पर 80% किराया दिया जाएगा और कंपनी अपने पास 20% किराया ही रख सकेगी।
ग्राहकों की सुरक्षा और ड्राइवर के हितों के लिए सरकार ने एग्रीगेटर का रेगुलेशन बनाया है।
डेटा की सुरक्षा के लिए बनाया नियम :
सरकार द्वारा ग्राहकों की सुरक्षा और ड्राइवर के हितों के लिए एग्रीगेटर का नया रेगुलेशन बनाया गया है। इसके तहत एग्रीगेटर्स को डेटा स्थानीयकरण सुनिश्चित करना होगा कि, डेटा भारतीय सर्वर में जेनरेट होने की तारीख से मिनिमम 3 महीने और मैक्सिमम 4 महीने तक ही रहेगा। डेटा को भारत सरकार के कानून के अनुसार सुरक्षित बनाना होगा। साथ ही ग्राहकों के डेटा को यूजर्स की सहमति के बिना शेयर नहीं किया जा सकेगा। कैब एग्रीगेटर्स को एक 24X7 कंट्रोल रूम स्थापित करना होगा और सभी ड्राइवरों को अनिवार्य रूप से हर समय कंट्रोल रूम से जुड़ा होना होगा।
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