राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना की एंट्री के बाद से सबसे ज्यादा अगर कोई चीज बढ़ी है तो वो महंगाई ही है। आज भारत के हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ती जा रही है। यही बढ़ती महंगाई कृषि क्षेत्र में भी देखने को मिल रही है। इसी के चलते गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन बढ़ती कीमतों के चलते ही केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसा बड़ा फैसला लिया था। इस फैसले के बाद दुनियाभर में कोहराम सा मच गया था। वहीँ, अब सरकार ने गेहूं की आयात ड्यूटी में कटौती करने का मन बना लिया है।
भारत सरकार का फैसला :
दरअसल, रुस और यूक्रेन के युद्ध के चलते सभी देशों का हाल कुछ बेहाल सा होता नजर आ रहा है क्योंकि, जबकि दो देशों के बीच युद्ध होता है तो उसका असर उन दोनों देशों के अलावा कई देशों पर होता है। यही कारण है कि, भारत में पिछले 6 महीनों के दौरान महंगाई काफी बढ़ गई है। इसी के चलते गेंहू की कीमतें भी काफी बढ़ गई हैं। भारत सरकार ने इसी बढ़ती कीमतों के चले ही गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। जिससे देश में अनाज की कमी न हो। वहीं, अब सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों को काबू पाने के लिए नई योजना बना रही है। इस योजना के तहत भारत सरकार गेहूं आयात पर 40% ड्यूटी को खत्म कर सकती है। इसके अलावा सरकार कारोबारियों और गेहू व्यापारियों के लिए भंडार पर सीमा भी तय कर सकती है।
कारोबारियों ने कहा :
दरअसल, गेहूं की कीमतें बढ़ते हुए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। जबकि, भारत गेंहू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं। इतना ही नहीं में इस समय भारत में गेंहू की कीमतें हर किसी को परेशान कर रही हैं। सरकार की योजना के मुताबिक, गेहूं आयात पर 40% ड्यूटी को खत्म किया जा सकता है। इस बारे में कारोबारियों ने कहा, 'अगर सरकार आयात ड्यूटी हटाती है और अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होती हैं तो त्योहारी सीजन में आयात शुरू हो सकता है। उस समय घरेलू बाजार में भाव ज्यादा हो जाते हैं। केंद्र सरकार गेहूं के भाव को नीचे लाने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर रही है।'
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