नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि ईंधन की वैश्विक कीमत न केवल एयलाइन सेवा क्षेत्र, बल्कि सभी के लिए एक चिंता का विषय है। वह एसोचैम के तत्वावधान में आयोजित बैठक में एयरलाइन, कपड़ा और इस्पात सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का सामना करने वाले कई मुद्दों पर बातचीत की।
वित्त मंत्री ने बजट-22 पर केंद्रित इस बातचीत में कहा, "बेशक, सिर्फ एयरलाइंस के लिए नहीं, ईंधन की वैश्विक कीमत अब हम सभी के लिए चिंता का विषय है।" उन्होंने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय में अभूतपूर्व वृद्धि से अर्थव्यवस्था में निवेश पर एक बड़ा गुणक प्रभाव होगा।
एसोचैम की एक विज्ञप्ति के अनुसार श्रीमती सीतारमण ने इस चिंतासे सहमति जताई कि ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि के साथ-साथ लोगों की आवाजाही पर गंभीर प्रतिबंध, कोविड 19 के ओमिक्रॉन संस्करण की लहर के बाद विमानन क्षेत्र पर असर पड़ा है, श्रीमती सीतारमण ने कहा, वह एयरलाइनों के लिए उद्योग की स्थिति के लिए एसोचैम की मांग पर बैंकों के साथ चर्चा करेंगी। उन्होंने वादा किया कि जीएसटी के मुद्दे को आगामी जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा।
एसोचैम विमानन ईंधन सहित पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाने के लिए दबाव बना रहा है। विमानन ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत करने की भी मांग उठाई गई है।
सीतारमण ने एसोचैम से सहमत थी कि तकनीकी वस्त्र का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
अपने स्वागत भाषण में, चैंबर के अध्यक्ष विनीत अग्रवाल ने कहा कि पिछले चार वर्षों के केंद्रीय बजट हमारे देश और दुनिया में हमारी जगह के लिए पासा पलटने वाले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बजटों का लक्ष्य सुसंगत और पारदर्शी रहा है।
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