हाइलाइट्स :
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने किया करार
बैंकों के लिए पैमेंट ई-प्लेटफॉर्म करेगा तैयार
इंडियन और कैनरा बैंक कस्टमर्स को मिलेगी इतनी राहत
राज एक्सप्रेस। इंडियन और कैनरा बैंक ने बैंकिंग कामकाज को गति देने के साथ ही अपने कार्य का विस्तार करने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम- GeM) के साथ अहम करार किया है। जेम ने इंडियन बैंक और कैनरा बैंक के साथ मैमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) यानी सहमति पत्रक पर हस्ताक्षर किए हैं।
मकसद :
इस एमओयू में दर्ज करार के मुताबिक GeM (जेम) इंडियन और कैनरा बैंकों के लिए आधुनिक पोर्टल तैयार करेगा। दोनों बैंकों के लिए प्रस्तावित इस ई-पोर्टल पर बैंक ग्राहकों को कैशलेस, पेपरलेस एवं पारदर्शी भुगतान प्रणाली की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही सरकारी निकायों के लिए एक दक्ष खरीद प्रणाली तैयार की जाएगी।
इतना कारगर :
तीनों के बीच हुए करार के बाद बनने वाले पोर्टल्स से दोनों ही बैंकों के साथ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं (यूज़र्स) को एक नहीं बल्कि कई सेवाएं घर बैठे मिलने लगेंगी। GeM के साथ इंडियन बैंक और कैनरा बैंक के बीच बनी सहमति के अनुसार बनाए जाने वाले बैंकिंग पोर्टल्स पर जेम पूल खातों (जीपीए) के माध्यम से धनराशि का अंतरण, परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (ई-पीबीजी), बयाना धन जमा (ईएमडी) और पेमेंट गेटवे से जुड़ी सलाह देने की सुविधाएं रजिस्टर्ड यूज़र्स को मिल सकेंगी।
ये रहे मौजूद :
इंडियन बैंक के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर एस. सुरेश कुमार, अपर सीईओ, जेम और एम कार्तिकेयन, जीएम, इंडियन बैंक, दीपेश गहलोत, निदेशक, जेम और नरेंद्र कुमार, एजीएम, इंडियन बैंक ने और तल्लीन कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जेम की उपस्थिति में किए। कैनरा बैंक के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर अपर सीईओ, जेम, आरपी जायसवाल, डीजीएम, कैनरा बैंक और शांतनु कुमार मजूमदार, जीएम, कैनरा बैंक ने किए।
ये GeM क्या है ?
दरअसल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (Government e Marketplace-GeM-जेम) भारत सरकार की पहल है जो सरकारी विभागों, संगठनों और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के लिए जरूरी आम उपयोग के सामान और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा हेतु एकल स्टॉप प्लेटफॉर्म (one stop platform) उपलब्ध कराता है।
जेम अपने क्लाइंट्स के लिए बनाए गए पोर्टल्स पर रजिस्टर्ड यूज़र्स को पारदर्शी और उत्तम खरीद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष खरीद, बोली लगाने और रिवर्स नीलामी के लिए आवश्यक साधन या टूल मुहैया कराता है।
इन पर फोकस :
सरकार ने GeM को कुछ अहम कार्यों के लिए तैयार किया है। भुगतान और विभिन्न बैंकिंग सेवाओं के लिए ऑनलाइन एकीकरण जेम की प्राथमिकताओं में से एक है। आपको बता दें जेम इसके पहले 18 अनुसूचित वाणिज्यिक, सार्वजनिक और निजी बैंकों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुका है। जिन पर सफलता पूर्वक कार्य चल रहा है।
इन पर फोकस :
सरकार ने GeM को कुछ अहम कार्यों के लिए तैयार किया है। भुगतान और विभिन्न बैंकिंग सेवाओं के लिए ऑनलाइन एकीकरण जेम की प्राथमिकताओं में से एक है। आपको बता दें जेम इसके पहले 18 अनुसूचित वाणिज्यिक, सार्वजनिक और निजी बैंकों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुका है। जिन पर सफलता पूर्वक कार्य चल रहा है।
अहम काम :
DGS&D को मुख्य रूप से ऑनलाइन ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सरकारी संगठनों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोगकर्ता वस्तुओं के लिए कॉन्ट्रैक्ट्स दर (RC) तय करने का काम सौंपा गया है। वर्तमान में इसका प्रबंधन दो संगठित समूह भारतीय आपूर्ति सेवा और भारतीय निरीक्षण सेवा द्वारा किया जा रहा है। DGS&D केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और राज्य सरकारों के लिए कार्य करता है।
इस समाधान के लिए :
सार्वजनिक खरीद सरकार की गतिविधि का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। मौजूदा दौर में सार्वजनिक खरीद में सुधार वर्तमान सरकार के समक्ष सबसे बड़ा रोड़ा है। केंद्र सरकार ने गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (GeM - gem.gov.in) के जरिए विभागों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के साथ ही ऑनलाइन खाका तैयार करने का लक्ष्य तय किया है।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य अपेक्स (सर्वोच्च) स्वशासी संस्थाओं को सेवा देने या उनसे सेवाएं लेने के लिए ऑन लाइन स्ट्रक्चर तैयार करने की दिशा में जेम काम कर रहा है।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य अपेक्स (सर्वोच्च) स्वशासी संस्थाओं को सेवा देने या उनसे सेवाएं लेने के लिए ऑन लाइन स्ट्रक्चर तैयार करने की दिशा में जेम काम कर रहा है।
वित्त मंत्री ने दिखाई हरी झंडी :
वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट भाषण में इस दिशा में काम करने को हरी झंडी दिखाई थी। जिसमे इनका सहयोग DGS&D ने नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीज़न (मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) के तकनीकी सहयोग से जेम पोर्टल ईजाद किया है। इस पोर्टल पर वस्तु एवं सेवाओं से जुड़ीं जरूरतों के लिए ऑनलाइन संपर्क किया जा सकता है।
इस पोर्टल को वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने 9 अगस्त 2016 को लॉन्च किया था, तब से यह सफलता के रिकॉर्ड बनाता आ रहा है। GeM पर खरीद को सरकारी नियमों में आवश्यक परिवर्तन करके सामान्य वित्तीय नियमों द्वारा अधिकृत किया गया है।
इतनी कैटेगरी :
जेम पर इस समय लगभग 150 उत्पाद श्रेणियों में 7400 से अधिक उत्पाद और किराए पर परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं जेम के जरिए लगभग 140 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन सरकार कर चुकी है।
जेम पूर्णतः कागज मुक्त, नकदी मुक्त और व्यवस्था नियंत्रित ई-मार्केट प्लेस बनकर उभर रहा है जिसमें सामान्य जरूरत की वस्तुओं और सेवाओं की न्यूनतम मानवीय श्रम के साथ सर्विसेस उपलब्ध हैं।
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