राज एक्सप्रेस । अडाणी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज आने वाले महीनों में अडाणी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी विल्मर में अपनी 44 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। मौजूद समय में दोनों कंपनियों की करीब 44 - 44 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अडाणी एंटरप्राइजेज अपनी करीब 44 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचकर मौजूदा शेयर प्राइस के हिसाब से 2.7 अरब डॉलर का फंड जुटा सकता है। अडाणी विल्मर, फॉर्च्यून ब्रांड के नाम से मार्केट में खाद्य तेल आदि सामानों की बिक्री करती है। मंगलवार को कंपनी के शेयर का भाव 393.05 रुपये के स्तर पर था।
गौतम अडाणी और उनका परिवार अपनी निजी क्षमता के आधार पर कंपनी में कुछ हिस्सेदारी बरकरार रख सकते हैं। वहीं, विल्मर के को-फाउंडर सिंगापुर के अरबपति बिजनेस मैन कुओक खून होंगे अपनी हिस्सेदारी पर आने वाले दिनों में निर्णय ले सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस पूरे मसले पर अडाणी समूह और अडाणी विल्मर की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
हिंडनबर्ग के ‘तूफान’ ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों का झकझोर कर रखा दिया था। अडाणी विल्मर भी इससे अछूती नहीं रही है। साल 2023 में अबतक अडाणी विल्मर के शेयरों की कीमतों में 36 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है। मौजूदा समय में कंपनी की मार्केट कैप घटकर 6.2 अरब डॉलर रह गया है।
अडाणी विल्मर का आईपीओ 2022 में आया था। कंपनी ने प्राइमरी मार्केट के जरिए 36 अरब रुपये जुटाए थे। जून तिमाही कंपनी के लिए अच्छी नहीं रही थी। अप्रैल से जून 2023 के दौरान कंपनी का नेट लॉस 790 मिलियन डॉलर रहा है। कंपनी खाद्य तेलों की घटती कीमतों और इंवेंट्री की बढ़ती लागत से जूझ रही है। इसी दौरान जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की सभी कंपनियां बुरी तरह से लुढ़क गईं, उनमें अडाणी विल्मर भी शामिल थी। अन्य कंपनियों के साथ अडाणी विल्मर भी स्थिति से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है। इसी बीच यह खबर आई है।
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