अमेरिकी बांड यील्ड में कमी और डालर इंडेक्स में गिरावट से एफपीआई में निराशा।
दिसंबर 2023 में एफपीआई ने इक्विटी में किया था 66,135 करोड़ रुपए का निवेश।
एफपीआई ने 2023 में शेयर बाजार में 1.71 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश किया।
अमेरिकी बांड यील्ड में कमी और डालर इंडेक्स में गिरावट से एफपीआई में गहरी निराशा पैदा हुई है। यही वजह है पिछले कुछ समय से उनकी दिलचस्पी भारतीय बाजार की ओर बढ़ी है। भारत उनके लिए निवेश के बेहतरीन स्थान के रूप में सामने आया है। माना जा रहा है कि एफपीआई का भारतीय बाजारों में निवेश का सिलसिला आम चुनाव के पहले तक जारी रहेगा।
राज एक्सप्रेस । नए साल 2024 के पहले सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय इक्विटी बाजारों के प्रति आकर्षण बना हुआ है। नेशनल सेक्यूरिटीज डिपाजिटरी के आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी के पहले हफ्ते में एफपीआइ ने घरेलू शेयर बाजारों में 4773 करोड़ रुपए का निवेश किया है। नए साल के पहले हफ्ते में एफपीआई के निवेश को प्रतिदिन के हिसाब से देखने का प्रयास करें, तो एफपीआई ने एक जनवरी को 2,107.64 रुपए का निवेश किया। दो जनवरी को 253.24 करोड़ का निवेश किया, इसके बाद 3 जनवरी को 1,594.76 करोड़, 4 जनवरी को 571.52 करोड़ और 5 जनवरी को 1,389.20 करोड़ रुपए का निवेश भारतीय शेयर बाजार में किया है।
2023 के अंतिम दो महीनों में, जब से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर बाजारों की ओर बढ़ा है तभी से भारतीय शेयर बाजार में जबर्दस्त तेजी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार के प्रति एफपीआई की दिलचस्पी को देखते हुए माना जा सकता है कि शेयर बाजार में तेजी का मौजूदा दौर फिलहाल आगे भी जारी रहने वाला है। नेशनल सेक्यूरिटीज डिपाजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के पांच कारोबारी सत्रों में से 4 में एफपीआई ने बड़े स्तर पर निवेश किया है। जबकि, एक सत्र में निकासी की है। इसी तरह, पहले सप्ताह में एफपीआइ ने डेट बाजारों में 3,999 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।
इससे पहले दिसंबर 2023 में एफपीआई ने इक्विटी में 66,135 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो पिछले वर्ष में एक माह के दौरान सबसे अधिक निवेश था। 2023 के अंतिम दो महीनों में एफपीआइ ने भारतीय बाजारों में बड़ा निवेश किया है। इसका प्रमुख कारण अमेरिकी बांड यील्ड में कमी और डालर इंडेक्स में गिरावट रही है। एफपीआई ने पूरे 2023 के दौरान घरेलू शेयर बाजार में 1.71 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। नए साल 2024 में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। यही वजह है विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भारतीय बाजार में बनी हुई है। माना जा रहा है इस साल के शुरुआती महीनों में भारतीय बाजार में एफपीआइ निवेश बढ़ सकता है। यह सिलसिला आम चुनावों तक जारी रहेगा। इस दौरान डेट बाजारों में भी एफपीआई का निवेश बढ़ने की उम्मीद है।
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