अगस्त 2022 के बाद यह किसी महीने में सबसे ज्यादा एफपीआई इनफ्लो
एफपीआई में बढ़ोतरी से निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए
जुलाई में निफ्टी 50 में 2.94 फीसदी की बढ़ोतरी हुई
राज एक्सप्रेस। फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) ने भारतीय बाजार से जुलाई के महीने में 466.18 अरब रुपये (5.63 अरब डॉलर) के शेयरों की खरीदारी की। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के डेटा के मुताबिक, अगस्त 2022 के बाद यह किसी महीने में सबसे ज्यादा एफपीआई इनफ्लो है। एफपीआई में बढ़ोतरी से निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। जुलाई में निफ्टी 50 में 2.94 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मार्च से जुलाई के बीच 5 माह में फारेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (एफपीआई) शेयर बाजार में नेट बायर रहे हैं। फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) ने जुलाई में 466.18 अरब रुपये (5.63 अरब डॉलर) के शेयर खरीदे। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2022 के बाद यह किसी महीने में सबसे ज्यादा एफपीआई इनफ्लो है। एफपीआई में बढ़ोतरी से निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। जुलाई में निफ्टी 50 में 2.94 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
मार्च से जुलाई के बीच यानी पिछले 5 माह में एफपीआई शेयर बाजार में नेट बायर रहे हैं। पांच माह के दौरान, फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स ने 1,553.08 अरब रुपये के शेयर खरीदे और निफ्टी 50 इंडेक्स में 14.15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एसक्वायर कैपिटल इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के सीईओ एस दास गुप्ता ने बताया, 'जुलाई में सूचकांकों के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने की इसकी मुख्य वजह विदेशी फंडों में बढ़ोतरी रही। अगर आप म्यूचुअल फंड को देखें, तो पिछले कुछ महीनों में जबरदस्त मुनाफावसूली हुई है।
शेयर बाजार विशेषज्ञों के अनुसार मजबूत मैक्रोइकनॉमिक फंडामेंटल्स, बेहतर नतीजे और चीन में रिकवरी से जुड़ी चिंताओं की वजह से भारत में पूंजी निवेश में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस सप्ताह के शुरू में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने भारत की रेटिंग को 'इक्वल वेट' से अपग्रेड कर 'ओवरवेट' कर दिया है। साथ ही, मैक्रो-इकनॉमिक स्थिरता और बेहतर अर्निंग आउटलुक के मामले में भारत को इमर्जिंग मार्केट्स का सबसे बेहतर विकल्प बताया है।
एफपीआई ने जुलाई में फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में 115.14 अरब डॉलर के शेयर खरीदे। जून में यह आंकड़ा 192.29 अरब डॉलर था। अप्रैल और मई में एफपीआई इस सेक्टर में नेट बायर रहे। मोतालाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने जून तिमाही के आंकड़ों से जुड़ी अंतरिम समीक्षा में कहा है बैंकों में अर्निंग ग्रोथ बनी रही और एसेट क्वालिटी में भी सुधार जारी रहा, जबकि नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों में डिस्बर्समेंट की रफ्तार बेहतर रही।
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