राज एक्सप्रेस। देश में जमा होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा के आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सालभर जारी करता आया है। इस सालभर में इन आंकड़ों में ज्यादातर गिरावट का ही दौर छाया रहा। हालांकि, बीच-बीच में कई बार इनमें बढ़त भी दर्ज हुई, लेकिन ज्यादातर गिरावट ही दर्ज हुई है। वहीँ, नवंबर में दर्ज हुई बढ़त के बाद अब इस महीने में लगातार दो सप्ताह से इसमें फिर से गिरावट जारी है। इसके अलावा यदि स्वर्ण भंडार की बात की जाए तो उसका हाल भी कुछ ऐसा ही है। इस बार RBI द्वारा जारी हुए आंकड़ो के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और स्वर्ण भंडार में बढ़त दर्ज हुई है।
RBI के ताजा आंकड़े :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 दिसंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में 69.1 करोड़ डॉलर घटकर 562.808 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, पिछले समाप्त सप्ताह में यह 57.1 अरब डॉलर घटकर 563.499 अरब डॉलर पर था। उससे पिछले सप्ताह यानी 28 अक्टूबर 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांच सप्ताह तक बढ़त दर्ज हुई थी, इसके बाद लगातार दो सप्ताह से गिरावट दर्ज हुई। जबकि, अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर पर अपने सबसे उच्च स्तर पर था।
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं, अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 39 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.969 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई है। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।
आंकड़ों के अनुसार FCA और SDR :
रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.134 अरब डॉलर घटकर 498.49 अरब डॉलर रह गई है। आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 80 लाख डॉलर बढ़कर 18.19 अरब डॉलर हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 4.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.159 अरब डॉलर हो गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :
विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।
यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।
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