राज एक्सप्रेस। देश में जमा होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार के जमा आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सालभर जारी करता आया है। पिछले साल तो सालभर ही इन आंकड़ों में गिरावट का ही दौर छाया रहा। हालांकि, बीच-बीच में कई बार इनमें बढ़त भी दर्ज हुई, लेकिन ज्यादातर गिरावट ही देखने को मिली। वहीँ, पिछले साल के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और स्वर्ण भंडार में बढ़त दर्ज हुई थी, लेकिन नए साल से लगातार फिर गिरावट का दौर जारी है। RBI द्वारा ताजा आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। हाल ही में तो दर्ज हुई गिरावट के बाद विदेशी मुद्रा भंडार तीन महीने से अधिक समय के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार के ताजा आंकड़े :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मार्च को समाप्त सप्ताह में 329 मिलियन डॉलर यानी 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 578.449 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, पिछले समाप्त सप्ताह यानी 331 मार्च को समाप्त सप्ताह में 329 मिलियन डॉलर यानी 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 578.449 अरब डॉलर पर था। वहीँ, उससे पहले की बात करें तो, वित्त वर्ष 2023 में अब तक कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 24.23 अरब डॉलर की गिरावट रही। विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही इस बड़ी गिरावट का मुख्य कारण फॉरेक्स रिजर्व में आ रही गिरावट है। क्योंकि, केंद्रीय बैंक ने वैश्विक घटनाक्रमों के कारण बने दबाव के बीच रुपये को मजबूत बनाए रखने के लिए भंडार का उपयोग कर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'जारी साप्ताहिक सांख्यिकी पूरक के अनुसार 31 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 36 करोड़ डॉलर घटकर 509.691 अरब डॉलर रह गईं।'
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में लगातर गिरावट दर्ज होने के बाद पिछले साल के अंत में बढ़त दर्ज हुई थी। वहीं, बीते सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 279 करोड़ डॉलर घटकर 45.20 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज होती है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :
विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।
यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।
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