नहीं मिल रहा 'Reliance Capital' का खरीददार Syed Dabeer Hussain - RE
व्यापार

अनिल अंबानी की मुश्किलें फिर बढ़ी, नहीं मिल रहा 'Reliance Capital' का खरीददार

काफी समय से कर्ज के बोझ और विवादों में घिरी अनिल अंबानी (Anil Ambani) के स्वामित्व वाली कंपनी Reliance Capital की दिवालिया प्रोसेस अब तक जारी है और कोई कंपनी इसे खरीदने को तैयार नहीं है।

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • Reliance Capital के खिलाफ दिवालिया प्रोसेस जारी

  • काफी समय से नुकसान और विवादों में चल रही कंपनी

  • कंपनी HDFC लिमिटेड और एक्सिस बैंक का लोन चुकाने में थी नाकामयाब

  • एक बोली प्रक्रिया से कंपनियों ने लिए नाम वापस

राज एक्सप्रेस। काफी समय से कर्ज के बोझ और विवादों में घिरी अनिल अंबानी (Anil Ambani) के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ चुकी हैं। जहां, पिछले सालों के दौरान प्राइवेट सेक्टर के HDFC और Axis बैंक ने रिलायंस कैपिटल को टर्म लोन की किश्तें चुकाने में नाकामयाब रहने के चलते डिफॉल्टर घोषित कर दिया था। वहीं, बीते साल भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के खिलाफ दिवालिया समाधान (Insolvency Resolution) की प्रोसेस शुरू की थी। हैरान करने वाली बात यह है कि, इस कंपनी की दिवालिया प्रोसेस अब तक जारी है और कोई कंपनी इसे खरीदने को तैयार नहीं है।

अनिल अंबानी की मुश्किल फिर बढ़ी :

दरअसल, अनिल अंबानी की मुश्किलें पिछले दिनों कुछ कम होती नज़र आई थी तो वहीं, अब फिर उनकी मुश्किलें बढ़ती नज़र आई। क्योंकि, कर्ज के बोझ तले दबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance capital) अब बिकने की कगार पर है। इसके लिए दिवालिया प्रोसेस जारी है, लेकिन फिर भी बिकने का नाम नहीं ले रही है। इतना ही नहीं अब तो ये खबर सामने आई है कि दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही कंपनीयों की लिस्ट में शमिल अब उन पांच बड़ी कंपनियों ने अपना नाम वापस ले लिया है। जिन्होंने रिलायंस कैपिटल कंपनी की नीलामी के लिए बोली लगाई थी।

इन पांच कंपनियों में शामिल है यह नाम :

बताते चलें, जिन पांच कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल कंपनी की नीलामी के लिए बोली से अपना नाम वापस ले लिया है, उन कंपनियों में अडानी ग्रुप (Adani Group), ब्लैकस्टोन (Blackstone), एचडीएफसी एर्गो (HDFC Ergo), आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI Lombard) और टाटा समूह (Tata Group) जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। इस मामले में सामने आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'कर्ज में फंसी रिलायंस कैपिटल (RCAP) की संपत्ति को खरीदने की दौड़ से अडानी और टाटा बाहर समेत पांच प्रमुख बिडर्स बाहर हो गए। बड़े बोलीदाताओं में अब केवल पीरामल इंटरप्राइजेज का नाम ही रह गया है।'

इन कंपनियों के नाम अब भी है लिस्ट में :

बताते चलें, Tata Sons की सहायक कंपनी Tata AIG General Insurance कंपनी ने पहले आरकैप की सामान्य बीमा यूनिट को खरीदने को लेकर इक्छा जताई थी। जबकि, अब भी जो कंपनियां शामिल है, उन कंपनियों में Piramal Enterprises का नाम शामिल है और वे फंड के लिए यस बैंक और टोरेंट ग्रुप से बातचीत कर रही है। वहीं, Zurich Insurance ने आरकैप के सामान्य बीमा क्लस्टर के लिए और Cholamandalam Group ने अपने जीवन बीमा क्लस्टर के लिए दिलचस्पी दिखाई है।

बिडर्स के पास होते है यह दो ऑप्शन :

लेंडर्स द्वारा जारी रिक्वेस्ट फॉर रिजॉल्यूशन प्लान (RFRP) के मुताबिक, 'बिडर्स के पास दो ऑप्शन होते हैं या तो कंपनी की संपूर्ण संपत्ति के लिए बोली लगाएं या इसके एक या अधिक क्लस्टर (Subsidiary Companies) के लिए। जानकारी के लिए बता दें, Reliance की सहायक कंपनियां General Insurance, Reliance Nippon Life Insurance, Reliance Asset Reconstruction Company, Reliance Securities, Reliance Commercial Finance और Reliance Home Finance हैं।

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