First Flights To Bring Back Indians Stranded Abroad Land In Kerala Social Media
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वंदे भारत मिशन: केरल में वापस आने वाले भारतीयों के लिए पहली उड़ान

केंद्र सरकार ने सोमवार को "वंदे भारत मिशन" के तहत विदेश में फंसे अपने भारतीय नागरिकों की बड़े पैमाने पर वापसी शुरू करने की योजना की घोषणा की।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। कोरोनोवायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के चलते हजारों लोग विदेशों में फंस गए थे। इन हजारों नागरिकों में से कुछ को वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा बड़े ऑपरेशन चलाये जा रहें हैं। इनके तहत अबू धाबी और दुबई से दो विशेष उड़ानें गुरुवार को 363 भारतीयों को लेकर केरल आई हैं। इनमें एयर इंडिया एक्सप्रेस और दुबई-कोझी कोड शामिल हैं।

दो विशेष उड़ानें :

इन दो विशेष उड़ानों में पहली उड़ान एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा अबू धाबी से कोच्चि के लिए शाम 5:07 बजे (स्थानीय समयानुसार) रवाना हुई थी। वहीं, दूसरी उड़ान दुबई-कोझीकोड द्वारा शाम 5:46 बजे (स्थानीय समयानुसार) भरी गई। जो, 'वंदे भारत मिशन' के अंतर्गत आती है। इनके लिए यात्री जेट और नौसैनिक जहाजों का उपयोग किया जाएगा। वहीं, सभी यात्रियों ने प्रस्थान से पहले हवाई अड्डे पर कोरोनोवायरस एंटी-बॉडी टेस्ट करवाया।

अधिकारियों ने बताया :

अधिकारियों ने बताया कि, "सरकारी सुविधा पर सात दिनों के लिए छूट दी जाएगी। इसके बाद फिर उनका अधिक विश्वसनीय RT-PCR टेस्ट किया जाएगा और यदि वह नेगेटिव हुआ तो, उन्हें शेष सात दिनों के लिए घर पर सेल्फ क्वारंटाइन करने की अनुमति दी जाएगी और यदि उनके टेस्ट पॉजिटिव हुए हैं, तो उन्हें अस्पतालों में ले जा कर भर्ती कराया जाएगा। इसके अलावा ऐसे यात्री जो बिना कोई टेस्ट होने वाले स्थानों से आएँगे उन्हें 14 दिनों के लिए इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा।

अधिकारियों ने आगे बताया कि, आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल जांच सहित बहु-स्तरीय जांच की जाएगी। एक बार साफ हो जाने के बाद कि, वह स्वस्थ हैं। उन्हें बसों में बैठाया जाएगा जो उन्हें उनके आवासीय जिलों में ले जाएंगी। जहां उन्हें किराए पर दिया जाएगा। वहीं, गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठों को इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन से छूट दी गई है, लेकिन इन्हें घर पर क्वारंटाइन उपायों का पालन करना होगा।

केंद्र सरकार की योजना :

बताते चलें भारत की केंद्र सरकार द्वारा मार्च के अंत में ही आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि, तब से ही भारत में दुनिया के सबसे खतनाक और जानलेवा वायरस के चलते लॉकडाउन लगाया गया था, इसके चलते ही बड़ी संख्या में कामगार और छात्र देश और विदेशों में फंस गए थे। हालांकि, अब तक इनको वापस लाने का विरोध किया जा रहा था, परन्तु अब उन नागरिकों को वापस लाने के लिए पूरी सुरक्षा और क्वारंटाइन के लिए व्यवस्था की गई है। बता दें, सोमवार को सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 7 मई से विदेश में फंसे अपने नागरिकों की वापस लाने की योजना की घोषणा की।

सरकार का कहना :

सरकार का कहना कि, एयर इंडिया लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे लगभग 15,000 भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 7 मई से 13 मई तक 64 उड़ानें संचालित करेगा। बता दें, विशेष उड़ानें लेने वालों से यूरोप से लगभग 50,000 रुपये और अमेरिका से 1 लाख रुपये का शुल्क लिया जाएगा।

2 लाख आवेदन :

खबरों के अनुसार 3 लाख से अधिक भारतीयों ने घर जाने के लिए इन उड़ानों का अनुरोध किया है। दुबई में वाणिज्य दूतावास ने बताया है कि, उन्हें लगभग 2 लाख आवेदन मिले थे। बताते चलें, यह लोग विदेशों में तेल समृद्ध खाड़ी पर निर्भर है, इनमें ज्यादातर भारत, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से हैं, लेकिन कोरोनोवायरस और महामारी के विनाशकारी आर्थिक प्रभाव ने कई श्रमिकों को बीमार और दूसरों को बेरोजगार बना दिया है।

अन्य उड़ानें :

बताते चलें, बाकि की अन्य उड़ानें सिंगापुर, मलेशिया और फिलीपींस के साथ-साथ लंदन, सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, शिकागो और वाशिंगटन से उड़ेंगी। बाकि, पश्चिम एशिया और मालदीव में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के वॉरशिप्स का इस्तेमाल किया जाएगा।

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