GST Council 47th Meeting : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद से ही लगातार GST में बदलावों के लिए काउंसिल बैठक की जाती है। इस बैठक में मुख्य भूमिका वित्त मंत्री की होती है जो कि, वर्तमान समय में निर्मला सीतारमण है। उनकी अध्यक्षता में आज मंगलवार से चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होटल हयात में GST काउंसिल की 47वीं बैठक शुरू की गई थी। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होने के बाद कुछ फैसले लिए गए है। इन फैसलों के तहत GST की दरों में कुछ बदलाव किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी :
दरअसल, GST काउंसिल की 47वीं बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने बैठक में लिए गए अहम् फैसलों की जानकारी दी। इन फैसलों के तहत कुछ नए उत्पादों, वस्तुओं और कुछ सेवाओं को GST की नई दरों में डाल दिया गया है। इन पर लगने वाली दरें 18 जुलाई से बढ़ा दी जाएंगी। मंत्रालय ने बताया है कि, 'GST परिषद ने गैर-ब्रांडेड लेकिन पैक (स्थानीय) डेयरी और कृषि उत्पादों को 5% टैक्स दर स्लैब के दायरे में लाने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों और फिटमेंट समिति के एक पैनल की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।'
वित्त मंत्री सीतारमण का कहना :
GST काउंसिल की 47वीं दो दिवसीय इस बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, 'नए दरों और छूट को लागू करने की अंतिम तारीख 18 जुलाई तय की गई है।' इसके अलावा इस बैठक में लिए गए फैसले के बाद 18 जुलाई से री-पैकेज्ड लेबल वाले कृषि उत्पादों जैसे पनीर, लस्सी, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ की कीमतों में बढ़त दर्ज हो जाएगी। क्योंकि, वर्तमान समय में ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों 5% वाले GST स्लैब में आते है, जबकि अनपैक और बिना लेबल वाले प्रॉडक्ट फ्री मिलते हैं।
होटल के कमरों के बदले GST स्लैब :
परिषद द्वारा राज्य के वित्त मंत्रियों की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद होटल के कमरे 1,000 रूपये प्रति रात से कम टैरिफ के साथ और अस्पताल के कमरे प्रति दिन 5,000 रूपये से अधिक के दैनिक टैरिफ के साथ 12% वाले GST स्लैब में शामिल कर दिए गए है। वहीं, कुछ बरतन पर GST स्लैब 12% से बढ़कर 18% कर दिया गया है।
दिया गया था मुआवजे का आश्वासन :
गौरतलब है कि, GST लागू करते समय 2017 में ही राज्यों को जून 2022 तक राजस्व नुकसान के मुआवजे का आश्वासन दिया गया था, लेकिन GST परिषद की बैठक में अब तक इस मामले में कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही कोई फैसला लिया गया है। इसकी समय सीमा आज यानी अब 30 जून को खत्म हो जाएगी। बता दें, यह राजस्व नुकसान GST के रोलआउट के कारण उत्पन्न हुआ था।
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