राज एक्सप्रेस। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देशभर के वित्त से जुड़े फैसलें लेती हैं। साथ ही सभी वित्तीय संस्थानों और देश से जुड़े सभी वित्तीय फैसलें लेने का अधिकार भी उन्हें प्राप्त है। हाल ही में 1 फरवरी को उन्होंने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया था। वहीँ आज यानी शनिवार को उन्होंने टैक्स रीजीम की तारीफ करते हुए कई बड़ी बातें कही हैं। इन बातों में उन्होंने मीडिल क्लास को लाभ होने की बात भी कही।
वित्त मंत्री ने की टैक्स रीजीम की तारीफ :
दरअसल, देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी शनिवार को RBI की कस्टमरी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स मीटिंग में भाग लिया। बता दें, इस मीटिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे।मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टैक्स रीजीम की तारीफ करते हुए शनिवार को कहा कि, 'नई टैक्स रीजीम से मीडिल क्लास को फायदा होगा। इसका असर यह होगा कि, उनके पास ज्यादा पैसा बचेगा। इस नई टैक्स रीजीम को लेकर यह बात कही है। सरकारी योजनाओं के माध्यम से निवेश करने के लिए व्यक्तियों को प्रेरित करना आवश्यक नहीं है। बल्कि उन्हें निवेश के संबंध में व्यक्तिगत निर्णय लेने का अवसर देना चाहिए।'
कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछा गया यह सवाल :
बताते चलें, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक रिपोर्टर ने सवाल किया कि,
अडाणी ग्रुप के मामले में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है या नहीं?
'US बेस्ड शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद मार्केट में पैदा हुई स्थिति को संभालने के लिए इंडियन रेगुलेटर्स बहुत अनुभवी हैं। वे अपने डोमेन के एक्सपर्ट्स हैं। रेगुलेटर्स को मामले की जानकारी है और वे हमेशा की तरह अपना बेस्ट कर रहे हैं। तो ये उनके ऊपर ही छोड़ देना चाहिए।'
क्रिप्टोकरेंसी को वित्त मंत्री का बयान :
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बयान में कहा कि, 'क्रिप्टोकरेंसी में तकनीक का ज्यादा रोल है, इसलिए हम सभी देशों से बात कर रहे हैं। अगर क्रिप्टो को लेकर नियम लाना है, तो क्या कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस का पालन किया जा सकता है, क्योंकि क्रिप्टो पर एक अकेला देश कुछ नहीं कर सकता। इस पर G20 देशों के साथ चर्चा जारी है।' प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा रहे RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेगुलेटरी एप्लिकेशन और उनकी टाइमलाइन पर किए गए सवाल पर कहा,
'जब भी कोई नई पॉलिसी आती है, तो RBI द्वारा उसकी अनाउंसमेंट की जाती है। इसलिए स्टेकहोल्डर्स के साथ एडवांस कंसल्टेशन होना चाहिए। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पिछली घोषणा में भी हमने दंडात्मक ब्याज से संबंधित एक घोषणा की है। वहां भी हमने ड्राफ्ट सर्कुलर की भी अनाउंसमेंट की है। हम फाइनल सर्कुलर जारी नहीं कर रहे हैं, क्योंकि हम स्टेकहोल्डर्स की राय चाहते हैं। फिर वो रेगुलेटेड एंटिटीज, बैंक और फाइनेंशियल मार्केट में कोई अन्य खिलाड़ी ही क्यों ना हो।'शक्तिकांत दास, RBI गवर्नर
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