वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया बैंक‍िंग स‍िस्‍टम से जुड़ा सुझाव Social Media
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वित्त मंत्री ने हनुमान से की भारतीय इंडस्ट्रीज की तुलना, नहीं हैं उन्हें क्षमता और ताकत पर विश्वास

भारतीय कंपनियों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकी तुलना भगवान हनुमानजी से की। साथ ही उन्हें अपनी ही क्षमता और ताकत पर विश्वास न होने की बात कही। जानिए, क्या है पूरा मामला ?

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज भारत आत्म निर्भर होते हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ता जा रहा है। देश में हर तरह की कंपनियां है। इन कंपनियों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकी तुलना भगवान हनुमानजी से की। साथ ही उन्हें अपनी ही क्षमता और ताकत पर विश्वास न होने की बात कही। विस्तार से जानिए, क्या है पूरा मामला ?

वित्त मंत्री ने कही यह बात :

दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मंगलवार को हीरो माइंडमाइन समिट में शामिल हुई। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, भारतीय कंपनियों को हनुमान जी की तरह अपनी क्षमता और ताकत पर विश्वास नहीं है। इसके अलावा वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय कंपनियों से प्रश्न करते हुए पूछा कि,

'जब अन्य देश भारत में विश्वास दिखा रहे हैं तो फिर उन्हें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इन्वेस्ट करने से क्या रोक रहा है। दूसरे देश और विदेशी इंडस्ट्रीज यह सोचती हैं कि, भारत बिजनेस के लिए बहुत अच्छी जगह है। FDIs और FPIs भारत आ रहे हैं। रिटेल इन्वेस्टर्स भारत में विश्वास करते हैं, तो भारतीय इंडस्ट्रीज को कौन रोक रहा है? भारतीय कंपनियां क्या हनुमान जी की तरह हैं कि उन्हें अपनी क्षमता और ताकत पर विश्वास नहीं है।'
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने लागू की पॉलिसीज :

वित्त मंत्री ने प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसीज लागू करने की बात करते हुए कहा कि, 'NDA सरकार व्यवसायों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने की हर संभव कोशिश करेगी और जरूरी प्रोग्राम की पेशकश भी करेगी। भारत के प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए टैक्स ब्रेक और प्रोडक्शन से जुड़ी इंसेंटिव्स (PLI) जैसी अन्य पॉलिसीज पहले ही लागू की जा चुकी हैं। PLI जैसे उपायों के कारण कई और व्यवसाय अपने विनिर्माण कार्यों को चीन से भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं।

MSMEs के लिए ढूंढ रहे समाधान :

वित्त मंत्री सीतारमण ने MSME का जिक्र करते हुए कहा कि, 'अगले 25 सालों में भारत को यह देखने पर ध्यान देना चाहिए कि, वह वर्कफोर्स से कैसे लाभान्वित हो सकता है। PLI स्कीम्स के मामले में हमने अपने लेबर फोर्स पर इसके प्रभाव को देखा। हम MSMEs के लिए स्वस्थानी समाधान ढूंढ रहे हैं, क्योंकि वे ही स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण और रोजगार देते हैं। इसलिए पॉलिसीज में अनिवार्य रूप से लेबर के महत्व को रेखांकित किया है।'

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