सुंदर पिचाई के खिलाफ FIR Kavita Singh Rathore -RE
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Copyright Violation : Google CEO सुंदर पिचाई पर एक हसीना थी...के लिए FIR

फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने Google CEO सुंदर पिचाई के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए FIR की है। जो कि, उनकी फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' के चलते की है।

Author : Kavita Singh Rathore, Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • यूट्यूब से हुई गलती!

  • फंस गए Google CEO

  • फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने की शिकायत

राज एक्सप्रेस। वैसे तो Google CEO सुंदर पिचाई का नाम देश में गर्व से लिया जाता है, लेकिन इन दिनों वह मुश्किल में नजर आरहे हैं क्योंकि, बॉलीवुड हिंदी फिल्म निर्माता सुनील दर्शन (Sunil Darshan) की शिकायत पर गूगल सीईओ सुंदर पिचाई (Google CEO Sundar Pichai), गूगल और इसके कुछ अधिकारियों पर FIR दर्ज की गई है। जो कि, उनकी फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' के चलते की है।

फिल्म निर्माता सुनील दर्शन (Film Producer Sunil Darshan) ने उनकी फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' के कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायत पुलिस थाने में की है। उनका आरोप है कि यूट्यूब पर अपनी फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' को कुछ यूजर्स यूट्यूब पर अनैतिक तरीके से अपलोड कर रहे हैं जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है।

क्या है मामला ?

दरअसल, फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने Google CEO सुंदर पिचाई और इसके कुछ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। जी हां, इस FIR में Google के CEO सुंदर पिचाई के साथ ही Google के अन्य 5 एम्प्लॉइज का नाम भी लिया गया है। उन्होंने यह FIR यूट्यूब पर उनकी फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' के कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए की है। उनका कहना है कि, 'यूट्यूब पर कई यूजर्स द्वारा उनके एक्सक्लूसिव कंटेंट को यूज किया जा रहा है, जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।'

FIR में इनका जिक्र -

फिल्म मेकर ने इस मामले में गूगल के CEO सुंदर पिचाई और कंपनी के 5 अन्य कर्मचारियों का नाम भी शामिल किया है। फिल्म निर्माता की शिकायत पर मुंबई के अंधेरी ईस्ट एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (First Information Report) दर्ज हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कॉपीराइट एक्ट की धारा 51, 63 और 69 के अंतर्गत मामला दर्ज कर उसे जांच में लिया गया है।

फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने बताई पूरी बात :

सुनील दर्शन ने ईटाइम्स को जानकारी देते हुए पूरी बात बताते हुए कहा है कि, "मेरी फिल्म, जिसे मैंने कहीं भी अपलोड नहीं किया है और दुनिया में किसी को भी नहीं बेचा है। उसे यूट्यूब पर लाखों बार देखा गया। मैं गूगल से इस फिल्म को प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए अनुरोध करता रहा और दर-दर भटकता रहा। मैं इस बात से बहुत निराश हुआ और मुझे कोई ऑप्शन नहीं नजर आरहा था, इसलिए मुझे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। यह मेरा सौभाग्य है कि, कोर्ट ने मेरे पक्ष में फैसला सुनाया है और पुलिस को FIR दर्ज करने के आदेश जारी किए। मेरी इस फिल्म को लेकर एक अरब से ज्यादा बार कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया है और मेरे पास उनमें से प्रत्येक का रिकॉर्ड है।"

गूगल ने नहीं सुना अनुरोध :

ईटाइम्स के अनुसार सुनील दर्शन का कहना है कि, "मेरी फिल्म को मैंने कहीं पर भी अपलोड नहीं किया। ना ही दुनिया में उसे किसी को बेचा है। फिर भी उसे यूट्यूब पर कई बार देखा गया।"

सुनील दर्शन का कहना :

सुनील दर्शन का कहना है कि, "यह FIR ऐसे लोगों के चलते की है जो दावा करते हैं कि, वे कानून का पालन करते हैं और अब उनके पास कोई सिस्टम नहीं है। मेरे वीडियो से कमाई करने वालों को बहुत फायदा हो रहा है। मैं टेक्नोलॉजी को चुनौती नहीं देना चाहता, लेकिन, मैं टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को चैलेंज कर रहा हूं। मैं केवल अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं। कोई मेरे कंटेंट का यूज कैसे कर सकता है। विशेष रूप से जिस पर मेरा कॉपीराइट है, जो मैंने कभी किसी को बेचा नहीं है, किसी के साथ शेयर नहीं किया है और न ही किसी प्लेटफॉर्म पर शेयर किया और फिर उनके अपने कारण होते हैं और वे उसे हटा भी नहीं सकते। मैंने फिल्म की पूरी वैल्यू को खो दिया है और उन्होंने ऐसा पहले भी किया है, यह एक अलग मामला है।"

तकनीक के दुरुपयोग को चैलेंज :

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे कॉपीराइट उल्लंघन के मामलों पर कटाक्ष भी किया। उनके मुताबिक जो लोग कानून का पालन करने का दावा करते हैं, अब उनके पास इस मामले में कोई युक्ति नहीं है।

आर्थिक नुकसान का हवाला :

फिल्म निर्माता सुनील दर्शन ने व्यथा व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके वीडियो को चोरी से यूट्यूब पर दिखाने से कमाई करने वालों को तो बहुत फायदा हो रहा है, लेकिन मुझे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि, उनका मकसद टेक्नोलॉजी को चुनौती देना नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को चैलेंज करना है।

गूगल ने किया नजर अंदाज :

फिल्म मेकर के वकील आदित्य ने मामले पर कानूनी दृष्टिकोण सामने रखा। उन्होंने कहा कि फिल्म मेकर की फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' के ऑडियो-विजुअल और ऑडियो अपलोड करने से यूट्यूब और उसके अधिकारियों ने उनके क्लाइंट की फिल्म के व्यापक बाजार को कम कर दिया। इससे फिल्म के ऑडियो-विजुअल और ऑडियो के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के मूल्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ा।

यूट्यूब की ऐसे हुई कमाई :

वकील के अनुसार यूट्यूब ने सुनील दर्शन के कंटेंट को मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाकर विज्ञापन और अन्य कई माध्यमों से अनैतिक कमाई की। बताया गया कि इस बारे मेंं दर्शन ने यूट्यूब-गूगल के अधिकारियों से कई दफा शिकायत की थी। लेकिन दोनों कंपनियों ने शिकायतों को एक तरह से अनसुना कर दिया। साथ ही इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को अवैध तरीके से उपयोग कर अपनी कमाई जारी रखी।

सुनील दर्शन के वकील ने बताया :

सुनील दर्शन के वकील आदित्य ने कोर्ट को बताया कि, "उनकी फिल्म 'एक हसीना थी एक दीवाना था' के ऑडियो-विजुअल और ऑडियो अपलोड करने की उनकी कार्रवाई से यूट्यूब और उसके अधिकारियों ने न केवल मार्केटेबिलिटी को काफी कम कर दिया है, बल्कि फिल्म के ऑडियो-विजुअल और ऑडियो के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के मूल्य को भी कम किया है, लेकिन, यूट्यूब ने कंटेंट को प्लेटफॉर्म पर दिखाकर उस पर आने वाले एडवर्टाइजमेंट और अन्य कई सोर्स के माध्यम से बड़ा रेवेन्यू कमाकर खुद को अन्यायपूर्ण रूप से समृद्ध किया है। जिसकी दर्शन ने यूट्यूब-गूगल और उसके अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन उन्होंने उनकी शिकायतों को नजर अंदाज कर दिया और उनके इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स का अवैध रूप से यूज करके अपने लिए बड़ा रेवेन्यू कमाना जारी रखा।"

लड़ाई महज अधिकारों की :

फिल्म मेकर सुनील दर्शन सभी कानूनी विकल्पों पर विचाररत हैं। उन्हें मामले में समझौता करने से भी कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने इस कदम को अपने अधिकारों की लड़ाई करार दिया है। उन्होंने निराशा जताई कि उनके कंटेंट को कोई बगैर उनकी इजाजत कैसे उपयोग कर सकता है।

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