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केंद्र सरकार से भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के 50 हजार करोड़ रुपए के एफडीआई प्रस्ताव पास हुए

Author : Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। सरकार को भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से अप्रैल 2020 से लगभग एक लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उनमें से आधे आवेदनों को अब तक मंजूरी दी जा चुकी है। जबकि शेष या तो लंबित हैं या संबंधित देशों की सरकार द्वारा वापस ले ली गई हैं या फिर अस्वीकार कर दी गई हैं। अप्रैल 2020 में, केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के बाद के दिनों में घरेलू कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिए भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए पूर्व मंजूरी को अनिवार्य कर दिया था।

भारत के साथ भूमि साझा करते हैं सात देश

चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान समेत सात देश भारत के साथ भूमि साझा करते हैं। केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार इन देशों के एफडीआई प्रस्तावों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है। उस प्रेस नोट के बाद लगभग एक लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव सामने आए हैं। उनमें से 50 प्रतिशत को मंजूरी दे दी गई है। बाकी या तो लंबित हैं या वापस ले लिए गए हैं या खारिज कर दिए गए हैं। इसलिए यह उस एफडीआई के लिए पूर्ण बंद नहीं है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम ऐसे निवेश आवेदनों की सूक्ष्मता के साथ जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे हमारी विनिर्माण क्षमताओं में कुछ जोड़ रहे हैं या नहीं।

प्रस्तावों की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति

अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर उन्होंने बताया कि ऐसे अनेक प्रस्ताव सूक्ष्मता के साथ जांच के लिए सुरक्षा एजेंसियों और मंत्रालयों के पास लंबित प्रस्ताव हैं। उक्त अधिकारी ने बताया कि ऐसे प्रस्तावों की संख्या बहुत अधिक है, जिन्हें वापस ले लिया गया है। बता दें कि इन प्रस्तावों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया है। भारी मशीनरी, ऑटो, आटोमोबाइल कंपोनेंट, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर, लाइट इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल के अलावा, ई-कॉमर्स जैसे प्रमुख सेक्टर्स में एफडीआई के प्रस्ताव पेश किए गए थे। उनमें से अधिकांश आवेदन चीन से आये थे। इसके अलावा, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश ने भी कुछ आवेदन पेश किए किये थे। अप्रैल 2000 से सितंबर 2023 की अवधि के दौरान भारत को चीन से 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की एफडीआई इक्विटी प्राप्त हुई।

कुछ प्रस्ताव वापस लिए, कुछ खारिज किए गए

इस अवधि में भारत को बांग्लादेश से 0.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर, नेपाल से 4.51 मिलियन अमेरिकी डॉलर, म्यांमार से 9 मिलियन अमेरिकी डॉलर और अफगानिस्तान से 2.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश प्राप्त हुए हैं। चीन की सबसे बड़ी वाहन निर्माता एसएआईसी मोटर ने पिछले महीने भारत में एमजी मोटर के परिवर्तन और विकास में तेजी लाने के लिए जेएसडब्ल्यू समूह के साथ एक संयुक्त उद्यम समझौता किया है, जो भविष्य के विकास के लिए पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। लंदन में हस्ताक्षरित शेयरधारक समझौते, शेयर खरीद और शेयर सदस्यता समझौते के अनुसार, जेएसडब्ल्यू समूह के पास भारतीय संयुक्त उद्यम परिचालन में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

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