राज एक्सप्रेस। 1980 में भारत की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी शून्य थी, 2013 तक यह 27,542 मेगावाट हुई। जबकि बीते 8 वर्षो में यह बढ़कर 1,56,608 मेगावाट हो गई है। 2015 से भारत ने नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान बनाकर बनाकर रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देना शुरु किया था।
क्या है अक्षय ऊर्जा या रिन्यूएबल एनर्जी :
अक्षय ऊर्जा या रिन्यूएबल एनर्जी के अंतर्गत इलेक्ट्रिसिटी बनाने के वे स्रोत आते हैं, जो प्रदूषणकारक नहीं होते हैं। साथ ही इन स्रोतों का उपयोग बिजली बनाने के लिए बार-बार किया जा सकता है। हालांकि इन साधनों या स्रोतों में से कुछ ऐसे भी हैं जिनसे उत्पन्न की गई एनर्जी के कारण प्रकृति को नुकसान पहुंचता है।
रिन्यूएबल एनर्जी के मुख्य स्रोत :
सोलर एनर्जी :
भारत ही नहीं पूरी दुनिया सोलर एनर्जी पर अपनी निर्भरता बढ़ा रही है क्योंकि न सिर्फ इसकी पर्याप्त उपलब्धता है बल्कि ये पर्यावरण के अनुकूल भी है। हालांकि महंगे सोलर पेनल और उन्हें बनाने में होने वाला प्रदूषण इसके ड्रॉबैक हैं।
विंड एनर्जी :
सोलर एनर्जी की तरह ही विंड एनर्जी या पवन ऊर्जा भी वर्तमान समय में ऊर्जा प्राप्त करने का लोकप्रिय स्रोत है। हालांकि जिस विंड टर्बाइन की मदद से बिजली बनती है उससे बहुत शोर होता है जो ध्वनि प्रदूषण का कारक बनता है।
जल विद्युत ऊर्जा या हाइड्रो पावर एनर्जी :
रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में हाइड्रो पावर का उपयोग विंड और सोलर एनर्जी के लोकप्रिय होने से दशकों पहले से हो रहा है। भारत के लगभग सभी राज्यों की प्रमुख नदियों पर बाँध बनाकर जल विद्युत उत्पन्न की जा रही है। ऊर्जा प्राप्त करने के इस स्रोत से आसपास के इलाकों में भूकंप का खतरा बना रहता है साथ ही इसके टूटने पर जानमाल का भारी नुकसान भी हो सकता है।
रिन्यूएबल एनर्जी क्यों है महत्वपूर्ण :
भारत जैसे विकासशील देश हों या फिर अमेरिका और चीन जैसे विकसित देश अपनी इकनॉमी को गति देने के लिए विभिन्न उद्योगों को बढ़ावा देने में लगे हैं, जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। साथ ही भोग विलासिता के बढ़ते संसाधनों के उपयोग में भी ऊर्जा की आवश्यकता से अधिक खपत होती है। ऐसे में कोयला, गैस व अन्य प्राकृतिक संसाधनों से उत्पन्न ऊर्जा न केवल वातावरण को प्रदूषित करती है, बल्कि एक समयसीमा के बाद इनकी उपलब्धता भी समाप्त हो जाएगी। यही वजह है कि पूरी दुनिया रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है।
रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में क्या है भारत की स्थिति :
वर्तमान में भारत की कुल ऊर्जा/इलेक्ट्रिसिटी जरूरतों का 39 प्रतिशत से अधिक रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त हो रहा है। खास बात यह है कि पिछले लगभग एक दशक में भारत ने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। इस दौरान हमारी सोलर एनर्जी प्रोडक्शन की क्षमता में लगभग 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
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