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नेट की उपलब्धता से मिला प्रोत्साहन, 2026 तक 163 अरब डॉलर हो जाएगा ई-कॉमर्स कारोबार

वित्त मंत्रालय ने अपनी अक्टूबर की मासिक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि सन 2026 तक देश में ई-कॉमर्स कारोबार 163 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से होने लगी है अब गैर-किराना वस्तुओं की 25 प्रतिशत बिक्री

  • अधिकांश लोगों के पास स्मार्टफोन होने की वजह से भी ई-कॉमर्स को बढ़ावा मिला है।

  • ई-कॉमर्स की बढ़ती लोकप्रियता देखते हुए बढ़ा ओमनीचैनल माडल के प्रति आकर्षण।

राज एक्सप्रेस। वित्त मंत्रालय ने अपनी अक्टूबर की मासिक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि सन 2026 तक देश में ई-कॉमर्स कारोबार 163 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह ई-कॉमर्स कारोबार की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है कि किराना के अलावा अन्य वस्तुओं की 25 प्रतिशत बिक्री अब ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से होने लगी है। वित्त मंत्रालय का मानना ​​है कि सस्ती कीमत पर इंटरनेट की उपलब्धता ने देश में ई-कॉमर्स व्यवसाय को बढ़ावा दिया है।

यही वजह है कि अब देश के कस्बाई इलाके भी ई-कामर्स कारोबार के मैप पर आ नए हैं। इसके साथ ही सरकार के इनोवेशन फंड जैसे कार्यक्रम से भी घरेलू ई-कॉमर्स को काफी प्रोत्साहन मिला है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश के सर्विस सेक्टर में ई-कॉमर्स का अहम योगदान रहा है। आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स कारोबार तेज बढ़ोतरी का गवाह बनेगा।

सरकारी नीतियों की वजह से सस्ते दाम पर इंटरनेट उपलब्ध होने से ई-कॉमर्स का कारोबार अब टियर-2 और टियर-3 शहरों और यहां तक कि कस्बों तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं जैसे डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, इनोवेशन फंड जैसे कार्यक्रम से भी घरेलू ई-कॉमर्स को अच्छा प्रोत्साहन दिया है।

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, डेटा सुरक्षा, उपभोक्ताओं के हितदों की सुरक्षा एवं डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े नियमों से ई-कॉमर्स कारोबार बेहद पारदर्शी हो गया है। जिसकी वजह से लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। देश में सभी जगह इंटरनेट की उपलब्धता है। अधिकांश लोगों के पास स्मार्टफोन होने की वजह से भी ई-कॉमर्स उद्योग को बढ़ावा मिला है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2022-23 में ई-कॉमर्स के आर्डर वोल्यूम में इससे पहले के समान वित्त वर्ष की तुलना में 26.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने में आई है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ई-कॉमर्स से होने वाले कुल कारोबार में टियर-1 की हिस्सेदारी 2022-23 में 44.3 प्रतिशत रही है। जबकि, टियर-2 में यह हिस्सेदारी 37.1 प्रतिशत रही है, जबकि टियर-3 में इसकी हिस्सेदारी 18.6 प्रतिशत रही है। ई-कॉमर्स गतिविधियां अब टियर-2 और टियर-3 शहरों से आगे बढते हुए अब कस्बाई इलाकों तक पहुंच बना रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा घरों की सजावट, हेल्थ व फार्मा जैसे सेक्टर में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से खरीद को सबसे ज्यादा प्रोत्साहन मिला है।

इन सेगमेंट्स में सबसे अधिक खरीदारी की जा रही है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर एफएमसीजी व कृषि, फैशन व गारमेंट्स, सौंदर्य प्रसाधन से जुड़े उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है। ई-कॉमर्स पर लोगों की बढ़ती निर्भरता को देखते हुए कई स्टोर अब ओमनीचैनल माडल के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से कारोबार करने वाले औमनीचैनल स्टोर के विस्तार में 2023 में 58 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने में आई है।

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