राज एक्सप्रेस। भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या कोरोना संकट के बीच एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में फ्रांस में ED द्वारा माल्या की संपत्ति जब्त करने की खबर सामने आई थी। वहीं, अब ED ने माल्या की फ्रांस की संपत्ति बेच दी है। इतना ही नहीं माल्या के द्वारा ब्रिटिश कोर्ट से राशि मांगने पर साफ़ इंकार कर दिया गया।
माल्या को संपत्ति देने से कोर्ट का साफ इंकार :
दरअसल, भारत के बैंक से घोटाला करने वाला शराब कारोबारी विजय माल्या अब तक विदेश में बहुत आराम से रह रहा था, लेकिन माल्या को बड़ा झटका तो तब लगा जब ब्रिटिश अदालत ने फ्रांस में उसकी संपत्ति बेचकर जुटाई गई राशि माल्या को एकदेने से इनकार किया। खबरों के अनुसार, माल्या ने ये रकम अपने खर्चे और कानूनी फीस का भुगतान करने के लिए मांगी थी, लेकिन कोर्ट के साफ मना कर देने पर माल्या को बड़ा झटका लगा है।
ED ने जब्त की थी संपत्ति :
बता दें, हाल ही में फ्रांस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माल्या की 1.6 मिलियन यूरो यानी 14.59 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी। फ्रांस की ED ने एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह जब्ती की थी। यह संपत्ति भारतीय बैंकों के एक समूह द्वारा शुरू की गई दिवालिया कार्यवाही के तहत बेची गई। इस संपत्ति को बेचने पर ब्रिटिश कोर्ट को लगभग 14.59 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। जो राजस्व कार्यालय में जमा है। हालांकि, कोर्ट ने इस रकम में से 2.33 करोड़ रुपये कानूनी लागतों के लिए देने के आदेश दिए हैं।
माल्या पर बैंकों का लोन :
विजय माल्या पर भारत के निम्लिखित बैंकों का लोन है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
बैंक ऑफ बड़ौदा
कॉर्पोरेशन बैंक
फेडरल बैंक लिमिटेड
आईडीबीआई बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक
जम्मू एंड कश्मीर बैंक
पंजाब एंड सिंध बैंक
पंजाब नैशनल बैंक
क्या था पूरा मामला (शार्ट में) :
एक समय था जब, विजय माल्या की गिनती देश के बड़े बिजनेसमैनों में होती थी। माल्या का किंगफिशर एयरलाइंस और शराब का बिजनेस था। किंगफिशर एयरलाइंस की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी। तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा। 2005 में इसका कमर्शियल ऑपरेशन शुरू हुआ। उस दौर में प्रीमियम सेवाओं में इसका कोई तोड़ नहीं था। कंपनी ने इसके लिए भारी अमाउंट खर्च कर दिया, जिससे उसे कॉस्ट निकालना मुश्किल हो रहा था।
ऐसे में कंपनी ने देश की एक लो कॉस्ट एविएशन कंपनी खरीदने की कोशिशें शुरू कर दीं। यह कोशिश 2007 में कामयाब भी हुई माल्या ने 2007 में करीब 1200 करोड़ रुपये में एयर डेक्कन को खरीदा। माल्या के इसी कदम ने माल्या को बिजनेसमैन से भगोड़ा बनने पर मजबूर कर दिया। इस तरह माल्या पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज होता चला गया। मार्च 2016 में विजय माल्या चुपचाप देश छोड़कर लंदन भाग गया और काफी समय तक गायब रहा। उसके बाद साल 2018 अप्रैल में उसे लंदन से गिरफ्तार किया गया था।
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